________________
-
| तृतीय भाग) | कन्याएँ विवाह करने वाली है, उन्हे पहले ही जता देना ।
विवाह करने वाली आठो कन्याएं सखियाँ थी। यह बात उनके कानी तक पहुँची । कन्याओ के माता-पिता सोच विचार में पड़ गए। - कन्याओं ने कहा--आप चिंता न करे । हम कुमार को
समझा लेगी। - इन भोली कन्याओ को पता नही था कि जम्पू कुमार को समझाने जाएंगी तो खुद को ही समझना पडेगा।
धूमधाम के साथ विवाह हो गया।
विवाह के बाद पहली ही रात है। आठ स्त्रियो के बीच जम्बूकुमार बैठे हैं। जवानी की उम्र है । एकान्त है । अप्सराओ के समान स्त्रियाँ है । मोह पैदा करने वाली कमरे की सारी सामग्री है। स्त्रियों प्रार्थना कर रही हैं। ऐसी परिस्थिति में वडो-वडो का मन डिग जाता । पर धन्य है जम्बकुमार, जिनका मन तनिक भी नही डिगता। कैसा आदर्श सस्कार हैं !
सभी स्त्रियाँ मनाकर थक गई और अन्त मे सो गई। अकेले जम्बूकुमार जाग रहे हैं। प्रात काल ही सुधर्मास्वामी से उन्हें दीक्षा लेनी है।
जम्बूकमार को पता चला कि उनके घर में चोर घुसे हैं और गठरियाँ बाँध-बाँध कर धन ले जा रहे है। जम्बकुमार ने सोचा-मुझे धन जाने की तो परवाह नही है। मगर लोग कहेगे कि घर में चोरी हो जाने के कारण हजरत को वैराग्य सूझा