Book Title: Jain Kathamala
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
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४० | जैन कथामाला (राम-कथा)
कुम्भकर्ण का विवाह कुम्भपुर के राजा मनोहर और रानी सुरूपनयना की पुत्री तडिन्माला के साथ हुआ तथा विभीषण का विवाह वैताढयगिरि की दक्षिण श्रेणी में ज्योतिषपुर नगर के विद्याधर राजा वीर और रानी नन्दवती की पुत्री पंकजश्री के साथ ।'
-त्रिषष्टि शलाका ७२
१ कुम्भकर्ण की पत्नी का नाम वैरोचन की धेवती वज्रमाला और विभीषण की स्त्री का नाम गन्धर्वराज शैलूप की पुत्री सरमा था।
[वाल्मीकि रामायण, उत्तरकाण्ड] विशेष-वाल्मीकि रामायण जैसा ही वर्णन तुलसीकृत रामचरित मानस में भी है। केवल लक्ष्मण को मूच्छित करने के प्रसंग में अन्तर है । उन्हें इन्द्रजीत ने मूच्छित किया था। [देखिए बालकांड, दोहा १७६-१८२]