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श्री राष्ट्रसंत शिरोमणि अभिनंदन ग्रंथ
4. द्विदल का त्याग करना। द्विदल के साथ कच्चे दूध, दही, छाछ नहीं वापरना। 5. रात्रि भोजन का तथा बहु बीज का त्याग करना। हरे और सूखे अंजीर, बैंगन, खस-खस आदि बहुबीज हैं। 6. ब्रेड वगैरह वासी चीजें, काल हो चुका आटा, मिठाई, खाखरा, नमकीन वगैरह अभक्ष्य हैं। उनमें वैसे ही वर्ण,
गंध, रस, स्पर्श के बेइन्द्रिय जीव उत्पन्न हो जाते है। इसलिए नहीं वापरना।
बाइस अभक्ष्य वापरने से होने वाले नुकसान – बाइस अभक्ष्य आरोग्य नाशक, सत्व नाशक, बुद्धि नाशक हैं। इनसे त्रस और स्थावर जीवों का संहार होता है। तामसिक और क्रूर प्रकृति उत्पन्न होती है। तेइन्द्रिय:
जूं, चींटी, इल्ली (गेहूँ में पैदा होने वाले कीडे) कान खजूरा, मकोड़ा, उदेही (दीमक) धान्य के कीड़े, छान के कीड़े वगैरह तेइन्द्रिय जीव हैं।
नियम :
1. कोई भी धान्य छानकर वापरना और सड़े हुए धान्य में होने वाले जीवों की सावधानी पूर्वक जयणा करना
(ठंडे स्थान पर रख देना)। 2. धान्य में कीड़े पड़ने के बाद धान्य को धूप में न रखकर, कीड़े होने की संभावना होने के पहले ही धूप
में रख देने चाहिए। इसी प्रकार खाटले, बिस्तर, गादी वगैरह में भी खटमल अथवा दूसरे जीव जंतु के पैदा होने के पहले ही धूप में रखने का खास उपयोग रखना। घर में सफाई रखना जिससे चींटी वगैरह नहीं होतें।
तेइन्द्रिय की पहचान :- इनके चार या छ: पैर होते हैं। चउरिन्द्रिय :
बिच्छु, भौंरे, मच्छर, डांस, खडमाखडी, मक्खी, मकौड़े, कॉकरोच वगैरह। पहचान - इनके छ: या आठ पैर होते है और आगे मूंछ जैसा भाग होता है। लगभग पंख छोटे होते है।
नियम :1. घर में सफाई रखनी, जिससे ये जीव उत्पन्न ही नहीं होंगें। 2. वे मर जायें ऐसी दवा वगैरह घर में नहीं छांटनी। सर्व स्थान पर बैठते या कोई वस्तु रखते या लेते समय विकलेन्द्रिय जीवों की रक्षा के लिए नजर डालकर दृष्टि
पडिलेहन अवश्य करनी। कोई जीव हो तो उसे बचाना चाहिए।
उपरोक्त बेइन्द्रिय, तेइन्द्रिय और चउरिन्द्रिय को विकलेन्द्रिय भी कहा जाता है। इन तीनो के पर्याप्त एवं अपर्याप्त ये दो भेद होने से 3x 2 = 6 भेद।
ध्यान रखो एकेन्द्रिय से चउरिन्द्रिय तक के सभी जीव समूर्छिम और तिर्यंच हैं। समूर्छिम पंचेन्द्रिय तिर्यच :
ये जीव गर्भज तिर्यंच के समान ही दिखते हैं। भैंस सिंह वगैरह समूर्छिम भी होते हैं और गर्भज भी होते है। जैसे कि एक महाराज साहेब चौदह पूर्व पढ़ा रहे थे। उसमें वर्णन आया कि अमुख औषधि मिश्रित करने से बहुत सारी मछलियाँ पैदा होती है।
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