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जिन्होने तप और त्याग का मार्ग बताया। जिन्होंने सेवाधर्म का अनुपम आदर्श उपस्थित किया
ऐसे प.प. राष्ट्रसंत शिरोमणि गच्छाधिपति श्रीमद् विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजीम.सा. के
अभिनन्दना गंथ प्रकाशन पर भावभरीहार्दिकवंदना...वंदना..वंदना...
*वंदनकर्ता*
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': ग्रंथ के मुख्य आधारस्तंभ : श्री सौधर्म बृहत्तपागच्छीय त्रिस्तुतिक जैन संघ
भीनमाल (राजस्थान)
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': ग्रंथ के मुख्य आधारस्तंभ : श्री सौधर्म बृहत्तपागच्छीय त्रिस्तुतिक जैन श्री संघ
एवं श्री गोडी पार्श्वनाथ बावन जिनालय ट्रस्ट आहोर, जिल्ला जालोर (राजस्थान)
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