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जिनके दर्शन मात्र से सुखानुभूति एवं आनन्द का अनुभव होता है । संतप्त हृदय को शांति मिलती हैं,
ऐसे प. पू. राष्ट्रसंत शिरोमणि गच्छाधिपति चमत्कारि मांगलिक प्रदाता वचनसिद्ध आचार्यप्रवर श्रीमद् विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के अभिनन्दन ग्रंथ प्रकाशन पर भावभरी हार्दिक वंदना... वंदना... वंदना...
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* वंदनकर्ता
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: ग्रंथ के मुख्य • आधारस्तंभ : श्री सौधर्म बृहत्तपागच्छीय त्रिस्तुतिक जैन संघ, भैंसवाड़ा, जिला जालोर (राज.) श्री शांतिनाथ, शीतलनाथ, महावीरस्वामी, प्रतिष्ठा अंजनशलाका निमित्ते सन् 1999
: ग्रंथ के मुख्य आधारस्तंभ : सकल जैन संघ एवं
श्री राजेन्द्रसूरी जैन ट्रस्ट, राणी बेन्नूर (कर्णाटक) श्री राजेन्द्रसूरी गुरुमंदिर प्रतिष्ठोत्सव निमित्ते
सन् 2000
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