________________
जिनके स्मरण मात्र से हमारे मनको असीम शांति मिलती है।
जिनके दर्शन से विघ्न बाधाएं समाप्त होती है,
ऐसे प.पू. राष्ट्रसंत शिरोमणि गच्छाधिपति चमत्कारि मांगलिक प्रदाता वचनसिद्ध आचार्यप्रवर श्रीमद् विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के
अभिनन्दनगंथप्रकाशनपर भावभरी हार्दिक वंदना...वंदना...वंदना...
* वंदनकर्ता*
VIDACN
LISA,
SANSAREANSALIS
7/*
ENTENT
': ग्रंथ के मुख्य आधारस्तंभ :
श्री नमिनाथ जैन श्वेताम्बर श्री संघ
कमाठीपुरा, मुम्बई. अंजनशलाका प्रतिष्ठोत्सव निमित्त
सन् 1996
': ग्रंथ के मुख्य आधारस्तंभ :
श्री सम्भवनाथ जैन श्वे. त्रिस्तुतिक संघ
पावा, जिला पाली, (राजस्थान) अंजनशलाका प्रतिष्ठोत्सव निमित्त
सन् 1994
Jain Education International
AFor PrecR
le Only!
www.jainelibrary.om