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ग्रंथ
जिनकी पीयूषवर्णी वाणी से संतप्त हृदय को
आनन्द की अनुभूति होती है। जिनके दर्शन मात्र से सुखानुभूति होती है, शांति मिलती है। ऐसे पूज्य गुरुदेव राष्ट्रसंत शिरोमणि, नाच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के पावन श्री चरणों में कोटि कोटि वंदना...
*बंदुनका *
ग्रंथ
स्तंभ
स्तंभा
श्री वासुपूज्य जैन श्वेताम्बर सकल संघ
राजमहेन्द्री ,(आ.प्र.) पू. गुरूदेव के सन् २००१ के यशस्वी चातुमसि निमित्ते
श्री त्रिस्तुतिक जैन संघ एवं श्री राजेन्द्रसूरी गुरू मंदिर ट्रस्ट
बीजापुर, (कर्णाटक) पू. गुरुदेव के प्रथम प्रवेश निमित्ते
श्री राजेन्द्रभवन जैन ट्रस्ट
चैन्नई (तामिलनाडु) पू. गुरूदेवश्री के सन् २००० के
यशस्वी चातुमसि निमित्त
श्री राजेन्द्रसूरि जैन ट्रस्ट
चित्रदुर्ग (कर्नाटक) श्री राजेन्द्रसूरि गुरूमंदिर प्रतिष्ठा निमित्ते
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