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श्री राष्ट्रसंत शिरोमणि अभिनंदन ग्रंथ
वर्तमान में इन सभी शाखाओं के सामाजिक बंधु मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, पंजाब, मद्रास, बिहार, कर्नाटक, दार्जलिंग, केरल, निमाड़ आदि प्रान्तों में निवास कर रहे हैं। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल में भी पोरवाल जाति के बन्धु निवास कर रहे हैं ।
पोरवाल समाज में ऐसी अनेक महान विभूतियां हुई है । जिन्होंने देश के विकास को व समाज को नई दिशा प्रदान करने में अपनी महती भूमिका अदा की है। साथ ही अपने धर्म का प्रचार प्रसार करते हैं समाज का नाम रोशन किया है।
श्री सौधर्म वृहत्तपागच्छीय श्रीसंघ के धर्माचार्य, वर्तमानाचार्य प. पू. श्रीमद्विजय हेमेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. ऐसी ही विभूतियों में एक है । आपका जन्म राजस्थान के जालोर जिले के बागरा नगर में मारवाड़ी वीसा पोरवाल श्रेष्ठि श्री ज्ञानचन्द जी महाचन्दजी तराणी पोरवाल के यहां संवत् 1975 में हुआ था । युवावस्था में आपने दीक्षा ग्रहण की तथा वर्षों तक तपस्या व ज्ञानार्जन करने के पश्चात् सन् 1983 में आहोर (राज.) में आप आचार्यपद पर प्रतिष्ठित हुए ।
इनके अलावा जांगड़ा पोरवाल समाज में राजा टोडरमल पोरवाल, भक्तशिरोमणि सेठ रामलाल दानगढ़, सन्त श्री सन्तारामजी, श्री कृष्णानंदजी महाराज, संत श्री हीरालालजी महाराज, इतिहासकार स्व. श्री मनोहरलालजी पोरवाल (जावरा) आदि अनेक विभूतियां हुई है । इस समाज के स्व. श्री रतनलालजी पोरवाल (रतलाम), श्री मोतीलालजी पोरवाल (इन्दौर) ने स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय भागीदारी निभाई है । अ. भा. पुरवाल पोरवाल समाज में श्री 1008 श्री बाबा प्रयागदास जी महाराज, श्री सतीमाता शान्तिदेवी पोरवाल (भाथना) श्री योगीराज स्वामी कैलाशचंदजी म. स्व. सेठ श्री मोहनलालजी पुरवार, अ. भा. पद्मावति पोरवाल समाज के प. पू. स्वामी श्री प्रज्ञानंदजी म., स्वामी श्री नित्यानंदजी म. पण्डितराज श्री रामकुंवर जी म., स्व. श्री शिवनारायण जी यशलहा, गंगाराड़े समाज के स्व. श्री कालूराम जी गंगराड़े, श्री मौजीलालजी गंगराड़े, श्री दशा वैष्णव पोरवाल समाज के स्व. श्री लक्ष्मीकांतजी गुप्ता, प्राग्वाट वीसा पोरवाल समाज के श्रीमद् यशोभद्र सूरि, आर्यरक्षित सूरि, मुनि श्री रवीन्द्रविजय जी म.सा., मुनि श्री ऋषभचन्द्र विजयजी म.सा., पुरवाल वैश्य समाज दिल्ली के स्वामी भोलानाथजी, स्व. लाला बनारसीदासजी धीवाले, भाई अमरनाथजी कूंचा, गुजराती पोरवाल समाज (उ. प्र.) के रायबाहादुर साहू गोकुलदाम गुजराती पोरवाल, वीमा जांगडा पोरवाल दिगम्बर जैन समाज के मुनि श्री वर्द्धमानसागरजी, श्री मोतीचन्दजी जैन, श्री बलवन्त रावजी मण्डलोई, श्री पद्मावति पोरवाल पुरवाल दिगम्बर जैन समाज के जैन मुनि ब्रह्मगुलाल जी, स्व. श्री 108 आचार्य श्री महावीरकीर्ति जी म.सा., आचार्य श्री सुधर्मसागरजी म.सा. आचार्य श्री विमलसागरजी म.सा., श्री परवार दिगम्बर जैन समाज के पं. जगमोहनलालजी, सिद्धान्तशास्त्री, श्री दशा पोरवाल श्वेताम्बर जैन समाज की साध वीजी पूज्य श्री मुदिताश्रीजी, श्री शीलपद्मा श्रीजी, श्री विपुलप्रज्ञा श्रीजी, पुरवाल राजपूत समाज कर्नाटक क्षेत्र के बालब्रह्मचारी श्री अमरसिंहजी, श्री फतेसिंहजी सहित सैकड़ों धर्मावलम्बियों व समाज के बन्धुओं ने समाज के उत्थान व देश के विकास का मार्ग प्रशस्त करते हुए अपना अमूल्य योगदान दिया जो कि अविस्मरणीय है । आज आपके अथक प्रयासों व मार्गदर्शन के कारण ही पूरे भारतवर्ष में पोरवाल समाज गौरवमयी जीवन जी रहा है तथा समाज अपनी अलग ही विशिष्ट पहचान रखता है जो कि हमारे लिए गर्व की बात है ।
हेमेन्द्र ज्योति हेमेन्द्र ज्योति 121
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