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गोदावरी के किनारे बसा राजमहेन्द्री
भव्य गुरुपद महाविधान का एक चित्र
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सन् 2009 में चातुर्मास प्रवेश एवं चातुर्मास की झलकियाँ राजमहेन्द्री (आ.प्र.)
★ स्थानीय (एम.एल.ए.)
पू. आचार्यश्री का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए ।
वसन्त स्वामी ने नमः
भारतवषम प्रथमवार राजमहन्द्रनगर भव्याति समाजकल्या
सतरामणी
न ऐश्वरजी गुरुम आहारला
• आं.प्र. की मा. मंत्री श्री पुष्पलीला बहुचर्चित पुस्तक 'अंतर की जिज्ञासा' की द्वितीयावृत्ती का विमोचन करती
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