Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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सूर्यज्ञप्तिप्रकाशिका टीका सू० ३१ नयम प्राभृतम्
अनुयुगमेव सूर्यः अनुवर्षशतमेव सूयः अनुवर्षसहस्रमेव सूर्यः " " अनुवर्षशतसहस्रमेव सूर्यः अनुपूर्वमेव सूर्यः अनुपूर्वशतमेव सूर्यः अनुपूर्वसहस्रमेव सूर्यः अनुपूर्वशतसहस्रमेव सूर्यः , अनुपल्योपममेव सूर्यः , अनुपल्योपमशतमेव सूर्यः , (८) प्रति संवत्सर सूर्य (९) प्रति युग सूर्य (१०) प्रति वर्ष शत में सूर्य (११) प्रति वर्ष सहस्र में सूर्य (१२) प्रति लाख वर्ष में सूर्य (१३) प्रति पूर्व में सूर्य (१४) प्रति सो पूर्व में सूर्य (१५) प्रति हजार पूर्व में सूर्य (१६) प्रति एक लाख पूर्व में सूर्य (१७) प्रति पल्योपमःमें सूर्य (१८) प्रति सो पल्योपम में (८) प्रति संवत्स२ सूर्य(८) प्रति युग सूर्य(१०) प्रति वर्ष शतमा सूर्य(११) प्रति १२ मा सूर्य(१२) प्रति सम मा सूर्य(१३) प्रति पूर्वमा सूर्य(१४) प्रति सो पूर्व भी सूर्य(१५) प्रति १२ पूर्वमा सूर्य(१६) प्रति मे ८५ पूर्व भां सूर्य(१७) प्रति ५श्योपममा सूर्य(१८) प्रति सेपक्ष्या५ममा सूर्य- ,
શ્રી સુર્યપ્રજ્ઞપ્તિ સૂત્ર: ૧