Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 1
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala
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चतुर्थ परिच्छेद तीर्थकर महावीरकी जन्मभूमि, जन्म और किशोरावस्था गणतंत्र वैशाली:
ई० पूर्व छठी शताब्दीमें वैशाली अत्यन्त समृद्ध सुव्यवस्थित और प्रतिष्ठित गणतंत्र था। उस समय मध्य हिमालयसे लेकर गंगानदी तकका प्रदेश छोटेछोटे गणतंत्रोंमें विभक्त था और इनमें से अधिकांश राज्योंमें इक्ष्वाकुवंशके लोगोंका प्राधान्य था। कोशलमें बहुत पहलेसे इक्ष्वाकुवंश चला आ रहा था और यहाँसे इस वंशको शाखाएं वैशाली और मिथिलामें जब गणतंत्रोंकी स्थापना हुई, तब इस वंशके लोगोंके रूपमें कई राज्योंमें पहुंच चुकी थीं। वैशालीके लिच्छवि, कुशीनगरके मल्ल, पिप्पलीवनके मोरीय, कपिलवस्तुके शाक्य और रामगांवके कोलिय इक्ष्वाकुवंशी थे।
जितने गणतंत्र स्थापित हुए उनमें वृजिसंघ सबसे अधिक बलशाली और प्रतिष्ठित था। इसे बज्जीसंघ भी कहा जाता था। इसकी स्थापना विदेहके
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