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श्रीपाल - चरित्र
नौकाओं ने भी इसका अनुकरण किया । तोपें छूटते ही नाविकों ने लंगर उठाना आरम्भ किया । परन्तु यह क्या ? लंगरो का उठाना तो दूर रहा, उन्हें कोई टस से मस भी न कर सका। सभी नौकाओं को मानों किसी ने पकड़ रक्खा था। तुरन्त ही यह समाचार धवल सेठ को पहुँचाया गया । इसका कारण उसकी समझ में न आया, इसलिये वह तुरन्त ही नैमित्तिक के पास पहुँचा। उसने बतलाया कि :समुद्र के अधिष्ठायक देव ने आपकी नौकाओं को रोक रक्खा है। जब तक किसी सर्वगुण सम्पन्न - अर्थात् बत्तीस लक्षणों से युक्त पुरुष की बलि न चढ़ायी जायगी, तब तक नौकाओं का चलना असम्भव है।
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