Book Title: Shripal Charitra
Author(s): Kashinath Jain
Publisher: Jain Shwetambar Panchyati Mandir Calcutta

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Page 256
________________ श्रीपाल - चरित्र २१७ आदि दिशाओं में स्थापना करना; दस दिशापालों की इस प्रकार स्थापना करनी - (१) पूर्व में - ॐ इन्द्राय नमः (२) अग्नि कोण में- ॐ आग्नेय नमः (३) दक्षिण मेंॐ यमाय नमः (४) नैऋत कोण में- ॐ नैऋतये नमः (५) पश्चिम में - ॐ वरुणाय नमः (६) वायव्य कोण में-ॐ वायवे नमः (७) उत्तर में - ॐ कुबेराय नमः (८) ईशान में- ॐ ईशानाय नमः (९) उर्ध्व दिशा मेंॐ ब्रह्मणे नमः (१०) अधोदिशा में - ॐ नागाय नमः इन्हें क्रमशः लिखना । यन्त्र के दायीं तरफ - ॐ क्षेत्रपालाय नमः - लिखना । - इस प्रकार से यह यन्त्र का विधान है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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