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श्रीपाल-चरित्र
- १०१ धवल सेठ का अन्तिम संस्कार किया। धवल सेठ के शरीरान्त से वे इस प्रकार शोकाकुल दिखाई देते थे, मानों उनके पिता का ही शरीरान्त हो गया हो।
__ अन्तिम क्रिया से निवृत्त होने पर श्रीपाल ने धवल सेठ की पाँच सौ नौकायें अपने अधिकार में ले ली। उसका सारा माल बाजार में बेच दिया। सब माल बिकनेपर हजारों रुपये इकट्ठे हुए; किन्तु उन्हें उपभोग करने के लिये धवल सेठ अब इस संसार में न था। श्रीपाल ने धवल सेठ के तीनों मित्रों को वह धन और उसकी व्यवस्था का भार सौंप दिया। उनकी इस उदारता और निःस्वार्थता को देख कर सब लोग आश्चर्य चकित हो गये। चारों ओर मुक्तकण्ठ से उनकी प्रशंसा होने लगी।
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