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प्रस्तुत प्रश्न
१-देशः उसकी स्वाधीनता प्रश्न-किसी देशकी स्वाधीनतासे आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- 'देश' एक भूखंडका नाम है । परन्तु भूमि खंडित नहीं है । अपना काम चलाने-भरके लिए हम भूमिको विभक्त रूपमें देखते हैं । इस विभाजनमें नदी, समुद्र-तट, पर्वत-माला आदि प्रकृतिके उपादानोंसे भी सहायता ली जाती है । यह देशका बाहरी रूप हुआ।
अब, मानवके नाना समुदायोंने अपने वर्तन और वृद्धिके निमित्त अपने कालक्षेत्रके अनुकूल संस्था-संघ, नीति-नियम, भाषा-संस्कार, और आचार-विचार उपजाए । उस सब प्रयत्न-फलको समन्वित भावमें संस्कृति' कहिए । इन संस्कृतियों में स्वभावतः एक दूसरेकी अपेक्षा कुछ भिन्नता और विशेषता रहती है। इसीको देशका (-की सत्ताका ) अंतरंग स्वरूप कहना चाहिए । __अतः देशकी स्वाधीनता वह स्थिति है जो उस अमुक भूखंडको (-के वासियोंको) अपनेपनमें सुरक्षित रहने दे, फिर भी शेष भू-भाग और अन्य भूखंडोंके प्रति उसे मेल बढ़ानेमें सहायता दे ।
स्वाधीनका मतलब अपने अधीन होना है—किसी और देशका उसपर आतंक न हो। साथ ही यह भी उसका मतलब होना चाहिए कि किसी अन्य