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मानली नावनानि टिवानमिया या दीयने जन्नट मानवी पन माया जम जागती यादव जो बाम वामनाना मुदी मनवानी
कमाएका गामनुमा दरखासा मागिला गई। गिरिनारन ऊंट गातर गिधामी किनार हमिवं दिवानमिमा मी मित्राला का बालागपाल बोलानघ। दवतान मिताला जाग जिमिउराइम इजी फिराली पाव डिना जीवन विनिआली॥३ किमइसामीय माम (लानेटलाभातिमदर्षन व ल डीव गिवाधीक र जातीयादवान याय ती विपावं लोनली लाल फुंला निती || मनि मानिवत्र एक संसार जमदासविचन कंत डमीचा मनीग्रामयना रितारमन श्रीनि निनाघवीन ती ॥ 2 ॥ घन लघु रिमिरिया सकिल मानानापयामानविय मनि दानवना किदी पश्चिममा मीनिलियारा दिन मिरुनामी भरल वामुनिधिमदरमा मिनिगममानमा वहारिकनगरीयानान्यवृतिनादविगारिकदा
शिका नाव सुद्विमन्ना पूतिश्रीत या खररिकता श्रीगि दोश्रासामलक्कु लि कम लिक दिपादानम्मूलियन व कदो मोहाय सिरिपाइ यनाडनलीपरिनरायमन व बिन्स विसपदपूरीय पत्र करिमोरीय मारवरुण दशग्यारसी इस हससं वरतून सिसिवि सामादियड इनिरम लि दिवस निरंगरदरघनदनरामिकेत कालं प्रघम घ्यिाय हाल हिड लिरदी सागरतास निग्रहीयत्र कनीयन यरमका ि वरनवीऊ व नदीवर साल द्वार परि क्वालागाइ
नागनागीतली
मिरिखीन यादव जितिपनि सुदिन जादान लघुरियामादि वह नय लादण्ड गमदिदिह बानीलवत्र डिमाम ॥३ग कर रसिकायननयातयत इंचल किययवि प्रकाष्ट प्रमाण वा दिना मिनिविमलम् किमवाय सिह डिनालाको माइंयन्त्रघर लाकरयलिवीज करि विनाम फिनि उप्र म रसाला देवदयान्नू नाव निजी वनपुर मंगलपासनाह वचसा ल॥४ इति श्री जयवोख र रिता श्री पार्श्ववाघ बीनम निल वाग्वन दीननग्बलिदा विनित्र रही रिस ब्रढादव निहालिया ग्विदियान कप कप रवा लिया निग लगनाम्र नघीकी नरभित्र मन निनार नइ यही । घडीय एक नम्र कितना मुतवा हिणिम एक विना ॥ स्मरदीस का
‘વિનતીસ’ગ્રહ'ની હસ્તપ્રતિનું પ્રથમ પૃષ્ઠ [शेस. डी. इन्स्टिट्यूट अभहावाहनी उस्तप्रति ]