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१३०२ (४) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. अहंता णामेगे सुमणे भवइ, २. अहंता णामेगे दुम्मणे भवइ, ३. अहंता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
द्रव्यानुयोग-(२) (४) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष न मारने पर सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष न मारने पर दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष न मारने पर न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क
होते हैं।
(५) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. ण हणामीतेगे सुमणे भवइ, २. ण हणामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. ण हणामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(६) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. ण हणिस्सामीतेगे सुमणे भवइ, २. ण हणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. ण हणिस्सामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
-ठाणं. अ. ३, उ. २, सु. १६८ (२३-३१) ७. छिंदण विवक्खया पुरिसाणं सुमणस्साइ तिविहत्त पखवणं
(१) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. छिंदित्ता णामेगे सुमणे भवइ, २. छिंदित्ता णामेगे दुम्मणे भवइ, ३. छिंदित्ता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(२) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. छिंदामीतेगे सुमणे भवइ, २. छिंदामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. छिंदामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(५) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष नहीं मारता हूँ इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष नहीं मारता हूँ इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष नहीं मारता हूँ इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। (६) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष नहीं मारूँगा इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष नहीं मारूँगा इसलिए दुर्मनस्कं होते हैं, ३. कुछ पुरुष नहीं मारूँगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। ७. छेदन की विवक्षा से पुरुषों के सुमनस्कादि त्रिविधत्व का
प्ररूपण(१) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष छेदन करने के बाद सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष छेदन करने के बाद दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष छेदन करने के बाद न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। (२) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष छेदन करता हूँ इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष छेदन करता हूँ इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष छेदन करता हूँ इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। (३) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष छेदन करूँगा इसलिए सुमनस्क होते है, २. कुछ पुरुष छेदन करूँगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष छेदन करूँगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। (४) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष छेदन न करने पर सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष छेदन न करने पर दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष छेदन न करने पर न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। (५) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष छेदन नहीं करता हूँ इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष छेदन नहीं करता हूँ इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष छेदन नहीं करता हूँ इसलिए न सुमनस्क होते हैं और
न दुर्मनस्क होते हैं।
(३) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. छिंदिस्सामीतेगे सुमणे भवइ, २. छिंदिस्सामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. छिंदिस्सामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(४) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. अछिंदित्ता णामेगे सुमणे भवइ, २. अछिंदित्ता णामेगे दुम्मणे भवइ, ३. अछिंदित्ता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(५) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. ण छिंदामीतेगे सुमणे भवइ, २. ण छिंदामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. ण छिंदामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।