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मनुष्य गति अध्ययन २. दीणे णाममेगे अदीणवित्ती ३. अदीणे णाममेगे दीणवित्ती,
४. अदीणे णाममेगे अदीणवित्ती। (१२) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. दीणे णाममेगे दीणजाई, २. दीणे णाममेगे अदीणजाई, ३. अदीणे णाममेगे दीणजाई,
४. अदीणे णाममेगे अदीणजाई। (१३) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा
१. दीणे णाममेगे दीणभासी, २. दीणे णाममेगे अदीणभासी, ३. अदीणे णाममेगे दीणभासी,
४. अदीणे णाममेगे अदीणभासी। (१४) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा
१. दीणे णाममेगे दीणोभासी,
२. दीणे णाममेगे अदीणोभासी, ३. अदीणे णाममेगे दीणोभासी, ४. अदीणे णाममेगे अदीणोभासी। (१५) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा
१. दीणे णाममेगे दीणसेवी,
१३३१ २. कुछ पुरुष दीन होते हैं किन्तु अदीन वृत्ति वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष अदीन होते हैं किन्तु दीन वृत्ति वाले होते हैं,
४. कुछ पुरुष अदीन होते हैं और अदीन वृत्ति वाले होते हैं। (१२). पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ पुरुष दीन होते हैं और दीन जाति वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष दीन होते हैं किन्तु अदीन जाति वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष अदीन होते हैं किन्तु दीन जाति वाले होते हैं,
४. कुछ पुरुष अदीन होते हैं और अदीन जाति वाले होते हैं। (१३) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ पुरुष दीन होते हैं और दीन भाषी होते हैं, २. कुछ पुरुष दीन होते हैं किन्तु अदीन भाषी होते हैं, ३. कुछ पुरुष अदीन होते हैं किन्तु दीन भाषी होते हैं,
४. कुछ पुरुष अदीन होते हैं और अदीन भाषी होते हैं। (१४) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष दीन होते हैं और दीनावभासी (दीन की तरह दिखने
वाले) होते हैं। २. कुछ पुरुष दीन होते हैं किन्तु अदीनावभासी होते हैं, ३. कुछ पुरुष अदीन होते हैं किन्तु दीनावभासी होते हैं,
४. कुछ पुरुष अदीन होते हैं और अदीनावभासी होते हैं। (१५) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष दीन होते हैं और दीन सेवी (दीनों की सेवा करने
वाले) होते हैं, २. कुछ पुरुष दीन होते हैं किन्तु अदीनसेवी होते हैं, ३. कुछ पुरुष अदीन होते हैं किन्तु दीनसेवी होते हैं,
४. कुछ पुरुष अदीन होते हैं और अदीनसेवी होते हैं। (१६) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष दीन होते हैं और दीन पर्याय (गृहस्थ एवं साधु
पर्याय) वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष दीन होते हैं किन्तु अदीन पर्याय वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष अदीन होते हैं किन्तु दीन पर्याय वाले होते हैं,
४. कुछ पुरुष अदीन होते हैं और अदीन पर्याय वाले होते हैं। (१७) पुरुष चार प्रकार के कहे गये हैं, यथा
१. कुछ पुरुष दीन होते हैं और दीन परिवार वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष दीन होते हैं किन्तु अदीन परिवार वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष अदीन होते हैं किन्तु दीन परिवार वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष अदीन होते हैं और अदीन परिवार वाले होते हैं।
२. दीणे णाममेगे अदीणसेवी, ३. अदीणे णाममेगे दीणसेवी,
४. अदीणे णाममेगे अदीणसेवी। (१६) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा
१. दीणे णाममेगे दीणपरियाए,
२. दीणे णाममेगे अदीणपरियाए, ३. अदीणे णाममेगे दीणपरियाए, ४. अदीणे णाममेगे अदीणपरियाए। (१७) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा
१. दीणे णाममेगे दीणपरियाले, २. दीणे णाममेगे अदीणपरियाले, ३. अदीणे णाममेगे दीणपरियाले, ४. अदीणे णाममेगे अदीणपरियाले।
-ठाण.अ.४, उ.२,सु.२७९ ४०. परिण्णायं-अपरिण्णायं पडुच्च पुरिसाणं चउभंग परूवणं
(१) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. परिन्नायकम्मे णाममेगे णो परिन्नायसन्ने,
४०. परिज्ञात-अपरिज्ञात की अपेक्षा पुरुषों के चतुर्भगों का
प्ररूपण(१) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष पापकर्मों के ज्ञाता होते है, परन्तु पापकर्मों को
छोड़ते नहीं हैं,