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२. पुणे णाममेगे तुच्छे,
३. तुच्छे णाममेगे पुणे,
४. तुच्छे णाममेगे तुच्छे।
(२) चत्तारि कुंभा पण्णत्ता, तं जहा
१. पुणे णाममेगे पुण्णोभासी,
२. पुण्णे णाममेगे तुच्छोभासी,
३. तुच्छे णाममेगे पुण्णोभासी, ४. तुच्छे णाममेगे तुच्छोभासी।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
१. पुणे णाममेगे पुण्णोभासी,
२. पुण्णे णाममेगे तुच्छोभासी,
३. तुच्छे णाममेगे पुण्णोभासी,
४. तुच्छे णाममेगे तुच्छोभासी ।
(३) चत्तारि कुंभा पण्णत्ता, तं जहा
१. पुणे णाममेगे पुण्णरूवे,
२. पुणे णाममेगे तुच्छरूवे,
३. तुच्छे णाममेगे पुण्णरूवे,
४. तुच्छे णाममेगे तुच्छरूये
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एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा१. पुणे णाममेगे पुण्णरूवे,
२. पुणे णाममेगे तुच्छरूवे,
३. तुच्छे णाममेगे पुण्णरूवे,
४. तुच्छे णाममेगे तुच्छरूवे
(४) चत्तारि कुंभा पण्णत्ता, तं जहा
१. पुण्णे वि एगे पिट्ठे,
२. पुण्णे वि एगे अवदले,
३. तुच्छे वि एगे पियट्ठे,
४. तुच्छे वि एगे अवदले ।
द्रव्यानुयोग - (२)
२. कुछ पुरुष जाति आदि से पूर्ण होते हैं, परन्तु गुणों से अपूर्ण होते हैं,
३. कुछ पुरुष जाति आदि से अपूर्ण होते हैं, परन्तु गुणों से पूर्ण होते हैं,
४. कुछ पुरुष जाति आदि से भी अपूर्ण होते हैं और गुणों से भी अपूर्ण होते हैं।
(२) कुंभ चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ कुंभ आकार से पूर्ण होते हैं और पूर्ण ही दिखाई देते हैं, २. कुछ कुंभ आकार से पूर्ण होते हुए भी अपूर्ण दिखाई देते हैं. ३. कुछ कुंभ आकार से अपूर्ण होते हुए भी पूर्ण दिखाई देते हैं, ४. कुछ कुंभ आकार से अपूर्ण होते हैं और अपूर्ण ही दिखाई देते हैं।
इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
9. कुछ पुरुष शरीर से पूर्ण होते हैं और गुणों से भी पूर्ण ही दिखाई देते हैं.
२. कुछ पुरुष शरीर से पूर्ण होते हैं किन्तु गुणों से अपूर्ण दिखाई देते हैं.
३. कुछ पुरुष शरीर से अपूर्ण होते हुए गुणों से पूर्ण दिखाई देते हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर से भी अपूर्ण होते हैं और गुणों से भी अपूर्ण दिखाई देते हैं।
(३) कुंभ चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ कुंभ जल आदि से पूर्ण है और रूप से भी सुन्दर हैं,
२. कुछ कुंभ जल आदि से पूर्ण हैं, परन्तु रूप से सुन्दर नहीं हैं,
३. कुछ कुंभ जल आदि से अपूर्ण हैं, परन्तु रूप से सुन्दर हैं,
४. कुछ कुंभ जल आदि से भी अपूर्ण हैं और रूप से भी सुन्दर नहीं है।
यथा
इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गए हैं, १. कुछ पुरुष श्रुत आदि से पूर्ण होते हैं और रूप से भी पूर्ण होते हैं,
२. कुछ पुरुष श्रुत आदि से पूर्ण होते हैं, परन्तु रूप से अपूर्ण होते हैं,
३. कुछ पुरुष श्रुत आदि से अपूर्ण होते हैं, परन्तु रूप से पूर्ण होते हैं.
४. कुछ पुरुष श्रुत आदि से भी अपूर्ण होते हैं और रूप से भी अपूर्ण होते हैं।
(४) कुंभ चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ कुंभ जल आदि से पूर्ण होते हैं और दर्शनीय भी होते हैं,
२. कुछ कुंभ जल आदि से पूर्ण होते हैं, परन्तु अपदल असार दिखाई देते हैं,
३. कुछ कुंभ जल आदि से अपूर्ण होते हैं, परन्तु देखने में प्रिय होते हैं,
४. कुछ कुंभ जल आदि से भी अपूर्ण होते हैं और देखने में भी असार दिखाई देते हैं।