________________
१४०६
१. अभिंतरियाए परिसाए सत्त देवीसयाणि पण्णत्ताई, २. मज्झिमियाए छच्च देवीसयाणि पण्णत्ताई,
३. बाहिरियाए पंच देवीसयाणि पण्णत्ताई। प. (२) ईसाणस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरन्नो कइ परिसाओ
पण्णत्ताओ? उ. गोयमा !तओ परिसाओ पण्णत्ताओ,तं जहा
१.समिया,२.चंडा,३.जाया। तहेव सव्वं णवरं-१. अभिंतरियाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, २. मज्झिमियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ
पण्णत्ताओ, ३. बाहिरियाए परिसाए चउद्दस देवसाहस्सीओ
पण्णत्ताओ, तहा १. अभिंतरियाएपरिसाए नव देवीसयाणि पण्णत्ता, २. मज्झिमियाए परिसाए अट्ठ देवीसयाणि पण्णत्ता, ३. बाहिरियाए परिसाए सत्त देवीसयाणि पण्णत्ता। (३) सणंकुमारस्स तओ परिसाओ समियाइ तहेव
- द्रव्यानुयोग-(२) ) १. आभ्यन्तर परिषद् में सात सौ देवियाँ हैं। २. मध्यम परिषद् में छह सौ देवियाँ हैं।
३. बाह्य परिषद् में पाँच सौ देवियाँ हैं। प्र. (२) भंते ! देवेन्द्र देवराज ईशान की कितनी परिषदाएँ कही
गई हैं ? उ. गौतम ! तीन परिषदाएँ कही गई हैं, यथा
१.समिता,२. चण्डा, ३. जाया। शेष कथन शकेन्द्र के समान पूर्ववत् कहना चाहिए। विशेष-१. आभ्यन्तर परिषद् में दस हजार देव हैं,
२. मध्यम परिषद् में बारह हजार देव हैं,
३. बाह्य परिषद् में चौदह हजार देव हैं। तथा
१. आभ्यंन्तर परिषद् में नौ सौ देवियाँ हैं, २. मध्यम परिषद् में आठ सौ देवियाँ हैं, ३. बाह्य परिषद् में सात सौ देवियाँ हैं। (३) सनत्कुमारेन्द्र की पूर्ववत् समितादि तीन परिषदाएँ कही
विशेष-१.आभ्यंतर परिषद् में आठ हजार देव हैं,
२. मध्यम परिषद् में दस हजार देव हैं,
णवरं-१. अभिंतरियाए परिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, २. मज्झिमियाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ
पण्णत्ताओ, ३. बाहिरियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ
पण्णत्ताओ। (४) एवं माहिंदस्स वि तओ परिसाओ,
३. बाह्य परिषद् में बारह हजार देव हैं,
(४) इसी प्रकार माहेन्द्र देवराज की भी तीन परिषदाएँ कही
गई हैं, विशेष-१.आभ्यंतर परिषद् में छह हजार देव हैं,
२. मध्यम परिषद् में आठ हजार देव हैं,
णवरं-१. अभिंतरियाए परिसाए छ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, २. मज्झिमियाए परिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ
पण्णत्ताओ, ३. बाहिरियाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। (५) बंभस्स वि तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, १. अभिंतरियाए चत्तारि देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, २. मज्झिमियाएछ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, ३. बाहिरियाए अट्ठ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। (६) लंतगस्स वि तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, १. अभिंतरियाए परिसाए दो देवसाहस्सीओ
पण्णत्ताओ २. मज्झिमियाए परिसाए चत्तारि देवसाहस्सीओ
पण्णत्ताओ, ३. बाहिरियाएछ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। (७) महासुक्कस्स वि तओ परिसाओ पण्णत्ताओ१. अभिंतरियाए एगं देवसहस्सं पण्णत्तं,
३. बाह्य परिषद् में दस हजार देव हैं। (५) ब्रह्मलोकेन्द्र की भी तीन परिषदाएँ कही गई हैं, १. आभ्यंतर परिषद् में चार हजार देव हैं, २. मध्यम परिषद् में छह हजार देव हैं, ३. बाह्य परिषद् में आठ हजार देव हैं। (६) लन्तकेन्द्र की भी तीन परिषदाएँ कही गई हैं, १. आभ्यंतर परिषद् में दो हजार देव हैं,
२. मध्यम परिषद् में चार हजार देव हैं,
३. बाह्य परिषद् में छह हजार देव हैं। (७) महाशकेन्द्र की भी तीन परिषदाएँ कही गई हैं, १. आभ्यन्तर परिषद् में एक हजार देव हैं,