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मनुष्य गति अध्ययन २. जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, ३. अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, ४. अजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे,
२. जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, ३. अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, ४. अजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे। (४) चत्तारि जाणा पण्णत्ता,तंजहा१. जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे,
२. जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे, ३. अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, ४. अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे,
२. जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे, ३. अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे,
४. अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे।-ठाणं. अ.४, उ. ३, सु.३१९ ६७. जुग्गदिद्रुतेणं जुत्ताजुत्ताणं पुरिसाणं चउभंग परूवणं
२. कुछ यान युक्त होकर अयुक्त रूप वाले होते हैं, ३. कुछ यान अयुक्त होकर युक्त रूप वाले होते हैं, ४. कुछ यान अयुक्त होकर अयुक्त रूप वाले होते हैं। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष युक्त होकर युक्त रूप वाले होते है (गुणों से समृद्ध
होकर वस्त्राभरणों से भी सुशोभित होते हैं), २. कुछ पुरुष युक्त होकर अयुक्त रूप वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष अयुक्त होकर युक्त रूप वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष अयुक्त होकर अयुक्त रूप वाले होते हैं। (४) यान चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ यान युक्त होकर युक्त शोभा वाले होते हैं, (बैल आदि से
जुड़े हुए तथा दीखने में सुन्दर होते हैं), २. कुछ यान युक्त होकर अयुक्त शोभा वाले होते हैं, ३. कुछ यान-अयुक्त होकर युक्त शोभा वाले होते हैं, ४. कुछ यान अयुक्त होकर अयुक्त शोभा वाले होते हैं। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष युक्त होकर युक्त शोभा वाले होते हैं,(धन आदि से
समृद्ध होकर शोभा सम्पन्न होते हैं), २. कुछ पुरुष युक्त होकर अयुक्त शोभा वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष अयुक्त होकर युक्त शोभा वाले होते हैं,
४. कुछ पुरुष अयुक्त होकर अयुक्त शोभा वाले होते हैं। ६७. युग्य के दृष्टान्त द्वारा युक्तायुक्त पुरुषों के चतुभंगों का
प्ररूपण(१) युग्य (वाहन विशेष) चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ युग्य युक्त होकर युक्त होते हैं, बाह्य उपकरणों से युक्त
होकर वेग से भी युक्त होते हैं। २. कुछ युग्य युक्त होकर अयुक्त होते हैं, ३. कुछ युग्य अयुक्त होकर युक्त होते हैं, ४. कुछ युग्य अयुक्त होकर अयुक्त होते हैं। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष युक्त होकर युक्त होते हैं (सम्पत्ति से युक्त होकर बल
से भी युक्त होते हैं) २. कुछ पुरुष युक्त होकर अयुक्त होते हैं, ३. कुछ पुरुष अयुक्त होकर युक्त होते हैं, ४. कुछ पुरुष अयुक्त होकर अयुक्त होते हैं। (२) युग्य चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ युग्य युक्त होकर युक्त परिणत होते हैं, २. कुछ युग्य युक्त होकर अयुक्त परिणत होते हैं, ३. कुछ युग्य अयुक्त होकर युक्त परिणत होते हैं, ४. कुछ युग्य अयुक्त होकर अयुक्त परिणत होते हैं। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष युक्त होकर युक्त परिणत होते हैं, २. कुछ पुरुष युक्त होकर अयुक्त परिणत होते हैं,
(१) चत्तारि जुग्गा पण्णत्ता,तं जहा१. जुत्ते णाममेगे जुत्ते,
२. जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, ३. अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, ४. अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. जुत्ते णाममेगे जुत्ते,
२. जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, ३. अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, ४. अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते। (२) चत्तारि जुग्गा पण्णत्ता,तं जहा१. जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणए, २. जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणए, ३. अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणए, ४. अजुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणए। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणए, २. जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणए,