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द्रव्यानुयोग-(२) इसी प्रकार स्त्रियाँ भी चार प्रकार की कही गई हैं, यथा१. कुछ स्त्रियाँ वाम और वामावर्त होती हैं, २. कुछ स्त्रियाँ वाम और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ स्त्रियाँ दक्षिण और वामावर्त होती हैं, ४. कुछ स्त्रियाँ दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं।
एवामेव चत्तारि इत्थीओ पण्णत्ताओ,तं जहा१. वामा णाममेगा वामावत्ता, २. वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, ३. दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, ४. दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता।
"-ठाणं. अ.४, उ.२, सु.२८९ ८९. धूमसिहा दिळेंतेण इत्थीणं चउव्विहत्त परूवणं(१) चत्तारि धूमसिहाओ पण्णत्ताओ,तं जहा१. वामा णाममेगा वामावत्ता, २. वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, ३. दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, ४. दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता। एवामेव चत्तारि इत्थीओ पण्णत्ताओ,तं जहा१. वामा णाममेगा वामावत्ता, २. वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, ३. दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, ४. दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता।
-ठाणं.अ.४, उ.२,सु.२८९ ९०. अग्गिसिहा दिट्ठतेण इत्थीणं चउव्विहत्त परूवणं
८९. धूमशिखा के दृष्टान्त द्वारा स्त्रियों के चतुर्विधत्व का प्ररूपण(१) धूमशिखा चार प्रकार की कही गई हैं, यथा१. कुछ धूमशिखा वाम और वामावर्त होती है, २. कुछ धूमशिखा वाम और दक्षिणावर्त होती है, ३. कुछ धूमशिखा दक्षिण और वामावर्त होती है, ४. कुछ धूमशिखा दक्षिण और दक्षिणावर्त होती है। इसी प्रकार स्त्रियाँ भी चार प्रकार की कही गई हैं, यथा१. कुछ स्त्रियाँ वाम और वामावर्त होती हैं, २. कुछ स्त्रियाँ वाम और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ स्त्रियाँ दक्षिण और वामावर्त होती हैं, ४. कुछ स्त्रियाँ दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं।
(१) चत्तारि अग्गिसिहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा१. वामा णाममेगा वामावत्ता, २. वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, ३. दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, ४. दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता। एवामेव चत्तारि इत्थीओ पण्णत्ताओ,तं जहा१. वामा णाममेगा वामावत्ता, २. वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, ३. दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, ४. दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता।
-ठाणं. अ.४, उ.२, सु.२८९ ९१. कूडागारसाला दिट्टतेण इत्थीणं चउभंग परूवणं
९०. अग्निशिखा के दृष्टान्त द्वारा स्त्रियों के चतुर्विधत्व का
प्ररूपण(१) अग्निशिखा चार प्रकार की कही गई हैं, यथा१. कुछ अग्निशिखा वाम और वामावर्त होती हैं, २. कुछ अग्निशिखा वाम और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ अग्निशिखा दक्षिण और वामावर्त होती हैं, ४. कुछ अग्निशिखा दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं। इसी प्रकार स्त्रियाँ भी चार प्रकार की कही गई हैं, यथा१. कुछ स्त्रियाँ वाम और वामावर्त होती हैं, २. कुछ स्त्रियाँ वाम और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ स्त्रियाँ दक्षिण और वामावर्त होती हैं, ४. कुछ स्त्रियाँ दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं।
(१) चत्तारि कूडागारसालाओ पण्णत्ताओ,तं जहा१. गुत्ता णाममेगा गुत्तदुवारा, २. गुत्ता णाममेगा अगुत्तदुवारा, ३. अगुत्ता णाममेगा गुत्तदुवारा, ४. अगुत्ता णाममेगा अगुत्तदुवारा। एवामेव चत्तारि इत्थीओ पण्णत्ताओ,तं जहा१. गुत्ता णाममेगा गुत्तिंदिया, २. गुत्ता णाममेगा अगुत्तिंदिया, ३. अगुत्ता णाममेगा गुत्तिंदिया, ४. अगुत्ता णाममेगा अगुत्तिंदिया।
-ठाण. अ.४, उ.१,सु.२७५
९१. कूटागारशाला के दृष्टान्त द्वारा स्त्रियों के चतुर्भगों का
प्ररूपण(१) कूटागार शालाएँ चार प्रकार की कही गई हैं, यथा१. कुछ कूटागार शालाएँ गुप्त और गुप्तद्वार वाली होती हैं, २. कुछ कूटागार शालाएँ गुप्त किन्तु अगुप्तद्वार वाली होती हैं, ३. कुछ कूटागार शालाएँ अगुप्त किन्तु गुप्तद्वार वाली होती हैं, ४. कुछ कूटागार शालाएँ अगुप्त और अगुप्तद्वार वाली होती हैं। इसी प्रकार स्त्रियाँ भी चार प्रकार की कही गई हैं, यथा१. कुछ स्त्रियाँ गुप्त और गुप्तेन्द्रिय वाली होती हैं, २. कुछ स्त्रियाँ गुप्त किन्तु अगुप्तेन्द्रिय वाली होती हैं, ३. कुछ स्त्रियाँ अगुप्त किन्तु गुप्तेन्द्रिय वाली होती हैं, ४. कुछ स्त्रियाँ अगुप्त और अगुप्तेन्द्रिय वाली होती हैं।