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४. असुई णाममेगे असुइसंकप्पे ।
(३) चलारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
१. सुई णाममेगे सुइपण्णे,
२. सुई णाममेगे असुद्दपणे,
३. असुई णाममेगे सुइपण्णे,
४. असुई णाममेगे असुइपण्णे ।
(४) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
१. सुई णाममेगे सुइदिट्ठी,
२. सुई णाममेगे असुइदिट्ठी,
३. असुई णाममेगे सुइदिट्ठी,
४. असुई णाममेगे असुइदिट्ठी ।
(५) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
१. सुई णाममेगे सुइसीलाचारे,
२. सुई णाममेगे असुइसीलाचारे,
३. असुई णाममेगे सुइसीलाचारे,
४. असुई णाममेगे असुइसीलाचारे ।
(६) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
१. सुई णाममेगे सुइयवहारे,
२. सुई णाममेगे असुइयवहारे,
३. असुई णाममेगे सुइववहारे,
४. असुई णाममेगे असुइववहारे ।
(७) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
१. सुई णाममेगे सुइपरक्कमे,
२. सुई णाममेगे असुइपरक्कमे
३. असुई णाममेगे सुइपरक्कमे
द्रव्यानुयोग - (२)
४. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं और अपवित्र संकल्प वाले होते हैं।
(३) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
9. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं और पवित्र प्रज्ञा वाले होते हैं,
२. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं किन्तु अपवित्र प्रज्ञा वाले होते हैं,
३. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं किन्तु पवित्र प्रज्ञा वाले होते हैं,
४. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं और अपवित्र प्रज्ञा वाले होते हैं।
(४) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं और पवित्र दृष्टि वाले होते हैं.
२. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं किन्तु अपवित्र दृष्टि वाले होते हैं,
३. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं किन्तु पवित्र दृष्टि वाले होते हैं,
४. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं और अपवित्र दृष्टि वाले होते हैं।
(५) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं और पवित्र शीलाचार वाले होते हैं.
२. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं किन्तु अपवित्र शीलाचार वाले होते हैं,
३. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं किन्तु पवित्र शीलाचार वाले होते हैं,
४. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं और अपवित्र शीलाचार वाले होते हैं।
(६) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं और पवित्र व्यवहार वाले होते हैं,
२. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं किन्तु अपवित्र व्यवहार वाले होते हैं
३. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं किन्तु पवित्र व्यवहार वाले होते हैं,
४. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं और अपवित्र व्यवहार वाले होते हैं।
(७) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं और पवित्र पराक्रम वाले होते हैं,
२. कुछ पुरुष शरीर से पवित्र होते हैं किन्तु अपवित्र पराक्रम वाले होते हैं,
३. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं किन्तु पवित्र पराक्रम वाले होते हैं.