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मनुष्य गति अध्ययन ४. असुई णाममेगे असुइपरक्कमे।
-ठाणं. अ.४, उ.१.सु.२४१ २५. उण्णय-पणय मण संकप्पाइ विवक्खया पुरिसाणं चउभंग
परूवणं(१) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उण्णए णाममेगे उण्णयमणे,
२. उण्णए णाममेगे पणयमणे, ३. पणए णाममेगे उण्णयमणे,
४. पणए णाममेगे पणयमणे।
(२) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उण्णए णाममेगे उण्णयसंकप्पे,
- १३१७) ४. कुछ पुरुष शरीर से अपवित्र होते हैं और अपवित्र पराक्रम
वाले होते हैं। २५. उन्नत-प्रणत मन संकल्पादि की विवक्षा से पुरुषों के चतुर्भगों
का प्रख्वण(१) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरूष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं और उन्नत (उदार) मन
वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं किन्तु प्रणत (अनुदार) मन
वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं किन्तु उन्नत मन वाले ____ होते हैं, ४. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं और प्रणत मन वाले
होते हैं। (२) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं और उन्नत संकल्प वाले
होते हैं, २. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं किन्तु प्रणत संकल्प वाले
होते हैं, ३. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं किन्तु उन्नत संकल्प वाले
होते हैं, ४. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं और प्रणत संकल्प वाले . होते हैं। (३) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं और उन्नत प्रज्ञा वाले
होते हैं, २. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं किन्तु प्रणत प्रज्ञा वाले
होते हैं, ३. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं किन्तु उन्नत प्रज्ञा वाले
होते है, ४. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते है और प्रणत प्रज्ञा वाले
२. उण्णए णाममेगे पणयसंकप्पे,
३. पणए णाममेगे उण्णयसंकप्पे,
४. पणए णाममेगे पणयसंकप्पे।
(३) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उण्णए णाममेगे उण्णयपण्णे,
२. उण्णए णाममेगे पणयपण्णे,
३. पणए णाममेगे उण्णयपण्णे,
४. पणए णाममेगे पणयपण्णे।
(४) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उण्णए णाममेगे उण्णयदिट्ठी,
२. उण्णए णाममेगे पणयदिट्ठी,
३. पणए णाममेगे उण्णयदिट्ठी,
(४) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं और उन्नत दृष्टि वाले
होते हैं, २. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं किन्तु प्रणत दृष्टि वाले
होते है। ३. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं किन्तु उन्नत दृष्टि वाले
होते हैं, ४. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं और प्रणत दृष्टि वाले
होते हैं। (५) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं और उन्नत शीलाचार वाले
होते हैं, २. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं किन्तु प्रणत शीलाचार वाले
होते हैं,
४. पणए णाममेगे पणयदिट्ठी।
(५) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उण्णए णाममेगे उण्णयसीलाचारे,
२. उण्णए णाममेगे पणयसीलाचारे,