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३. पणए णाममेगे उण्णयसीलाचारे,
४. पणए णाममेगे पणयसीलाचारे।
(६) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा.१. उण्णए णाममेगे उण्णयववहारे,
२. उण्णए णाममेगे पणयववहारे,
३. पणए णाममेगे उण्णयववहारे,
४. पणए णाममेगे पणयववहारे।
(७) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उण्णए णाममेगे उण्णयपरक्कमे,
و
२. उण्णए णाममेगे पणयपरक्कमे,
३. पणए णाममेगे उण्णयपरक्कमे,
४. पणए णाममेगे पणयपरक्कमे।
-ठाणं. अ.४, उ.१, सु. २३६ २६. उज्जू-वंक मण संकप्पाइ विवक्खया पुरिसाणं चउभंग
परूवणं(१) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उज्जू णाममेगे उज्जुमणे, २. उज्जू णाममेगे वंकमणे, ३. वकणाममेगे उज्जुमणे, ४. वक णाममेगे वंकमणे। (२) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उज्जू णाममेगे उज्जुसंकप्पे,
द्रव्यानुयोग-(२) ३. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं किन्तु उन्नत शीलाचार वाले
होते हैं, ४. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं और प्रणत शीलाचार वाले
होते हैं। (६) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं और उन्नत व्यवहार वाले
होते हैं, २. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं किन्तु प्रणत व्यवहार वाले
होते हैं, ३. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं किन्तु उन्नत व्यवहार वाले ____ होते हैं, ४. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं और प्रणत व्यवहार वाले
होते हैं। (७) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं और उन्नत पराक्रम वाले
होते हैं, २. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से उन्नत होते हैं किन्तु प्रणत पराक्रम वाले
होते हैं, ३. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं किन्तु उन्नत पराक्रम वाले
होते हैं, ४. कुछ पुरुष ऐश्वर्य से प्रणत होते हैं और प्रणत पराक्रम वाले
होते हैं। २६. ऋजु वक्र मन संकल्पादि की विवक्षा से पुरुषों के चतुर्भगों का
प्ररूपण(१) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु होते हैं और ऋजु मन वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु होते हैं किन्तु वक्र मन वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष शरीर से वक्र होते हैं किन्तु ऋजु मन वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर से वक्र होते हैं और वक्र मन वाले होते हैं। (२) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु होते हैं और ऋजु संकल्प वाले
होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु होते हैं किन्तु वक्र संकल्प वाले
होते हैं, ३. कुछ पुरुष शरीर से वक्र होते हैं किन्तु ऋजु संकल्प वाले
होते हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर से वक्र होते हैं और वक्र संकल्प वाले
होते हैं। (३) पुरुष चार प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु होते हैं और ऋजु प्रज्ञा वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु होते हैं किन्तु वक्र प्रज्ञा वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष शरीर से वक्र होते हैं किन्तु ऋजु प्रज्ञा वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर से वक्र होते हैं और वक्र प्रज्ञा वाले होते हैं।
२. उज्जू णाममेगे वंकसंकप्पे,
३. वकणाममेगे उज्जुसंकप्पे,
४. वंके णाममेगे वंकसंकप्पे।
(३) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. उज्जू णाममेगे उज्जुपण्णे, २. उज्जू णाममेगे वंकपण्णे, ३. वक णाममेगे उज्जपण्णे, ४. वकणाममेगे वंकपण्णे।