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मनुष्य गति अध्ययन
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(४) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. अदच्चा णामेगे सुमणे भवइ, २. अदच्चा णामेगे दुम्मणे भवइ, ३. अदच्चा णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(५) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. ण देमीतेगे सुमणे भवइ, २. ण देमीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. ण देमीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(६) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. ण दासामीतेगे सुमणे भवइ, २. ण दासामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. ण दासामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
-ठाणं. अ.३, उ. २, सु. १६८(५०-५५) ११.भोयण विवक्खया पुरिसाणं सुमणस्साइ तिविहत्त परूवणं
(१) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. भुंजित्ता णामेगे सुमणे भवइ, २. भुंजित्ता णामेगे दुम्मणे भवइ, ३. भुंजित्ता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(४) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष न देने पर सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष न देने पर दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष न देने पर न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क
होते हैं। (५) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष नहीं देता हूँ इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष नहीं देता हूँ इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष नहीं देता हूँ इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। (६) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए है, यथा१. कुछ पुरुष नहीं देऊँगा इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष नहीं देऊँगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष नहीं देऊँगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। ११. भोजन की विवक्षा से पुरुषों के सुमनस्कादि त्रिविधत्व का
प्ररूपण(१) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष भोजन करने के बाद सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष भोजन करने के बाद दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष भोजन करने के बाद न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। (२) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष भोजन करता हूँ इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष भोजन करता हूँ इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष भोजन करता हूँ इसलिए न सुमनस्क होते हैं और
न दुर्मनस्क होते हैं। (३) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष भोजन करूँगा इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष भोजन करूँगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष भोजन करूँगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न
दुर्मनस्क होते हैं। (४) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष भोजन न करने पर सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष भोजन न करने पर दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष भोजन न करने पर न सुमनस्क होते है और न
दुर्मनस्क होते हैं। (५) पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. कुछ पुरुष भोजन नहीं करता हूँ इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष भोजन नहीं करता हूँ इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष भोजन नहीं करता हूँ इसलिए न सुमनस्क होते हैं
और न दुर्मनस्क होते हैं।
(२) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. भुंजामीतेगे सुमणे भवइ, २. भुंजामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. भुंजामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(३) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा१. भुंजिस्सामीतेगे सुमणे भवइ, २. भुंजिस्सामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. भुंजिस्सामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(४) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तं जहा१. अभुंजित्ता णामेगे सुमणे भवइ, २. अभुंजित्ता णामेगे दुम्मणे भवइ, ३. अभुंजित्ता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।
(५) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता,तंजहा१. ण भुंजामीतेगे सुमणे भवइ, २. ण भुंजामीतेगे दुम्मणे भवइ, ३. ण भुंजामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवइ।