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पर्शनाचार
सम्यक्दर्शन तालिका
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परवानुमोप
माठ धंग १. नि:शंका २. निष्कांक्षा ३. निविरिकित्सा ४. अमूढदृष्टि ५. उपबृहण ६. स्थिरीकरण ७. वात्सल्य ८. प्रभावना
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१. निसर्ग सम्बपदर्शन २. अभियन सम्यग्दर्शन
पांच समय: १.उपशम २. संवेग ३. निर्वेद ४. अणुकंपा ५. आस्तिक्य पांच अतिचार १. शंका २. कांक्षा ३.विचिकित्सा ४. पर-पाषंड-प्रशंसा
. पर-पाषंड-संस्तव. पांच भूषण १.जिनशासन कुशलता २. प्रभावना ३. तीर्थ सेवना ४. धर्म स्थिरता ५. गुण-भक्ति
क्स प्रकार (हनि) १. निसर्गरुचि २. उपदेशरुचि ३. आज्ञारुचि ४. सूत्ररुचि ५. बीजरुचि ६. अभिगमरुचि ७. विस्ताररुचि ८. क्रियारुचि १. संक्षेपनि १०. धर्मरुचि
भढा के चार प्रकार १. परमार्थ का संस्तव २. सुदृष्ट परमार्थ सेवना ३. सम्यक्त्व भ्रष्ट का संगत्याग ४. कुदर्शनी का संगत्याग आठ प्रभावक १.प्रावनिक २. धर्मकर्थिक ३. वादी ४. नैमित्तिक ५. तपस्वी ६. विद्यासिद्ध ७. कवि ५.प्रभावक
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सम्बदशम मियादर्शन
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मिथ्यादेशन
२ अविनय
३ अज्ञान
१ प्रयोग किया
२ समुरान क्रिया
३ अमान किया
३ प्रकार
वश प्रकार
१. मनःप्रयोग क्रिया २. वचनप्रयोग क्रिया ३. कायप्रयोग क्रिया
१. अनन्तर समुदानक्रिया २. परम्पर समुदानकिया ३. तदुमय समुदानक्रिया
१. मतिबज्ञान किया २. श्रुतबज्ञान क्रिया ३. विभंगमजान किया
१. देशमशान २. सर्वज्ञान ३.भावअज्ञान
१. धर्म में अधर्म श्रद्धा २. अधर्म में धर्म धद्धा
(आदि)।