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सूत्र ३७७
निग्रंथी द्वारा निर्गन्य के गणादि की चिकित्सा करवाने के प्रायश्चिस व
चारित्राचार
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जा पिथी णिगंयस्त कार्यसिगंड वा-जाव-भगवसं वा अगउथिएण वा पारस्थिएण वा, अनयरेणं सिक्नेणं सत्यजाएणं, अन्छिदाविता वा, विक्टिवा वित्ता वा, पूर्व वा सोणियं वा, नौहरावेज्ज वा; विसोहावेज्ज मा, नीहररावेत श, विसोहावेतं वा साइज्जा।
जा जिग्गंथी णिगंथस्स कार्यप्तिगई वा-जाव-मगंबसं वा, अम्गस्थिएग वा, गारथिएणमा, अन्नवरेण सिक्खे सस्थजाएणं, अहियावेत्ता वा. विच्छिवावेता बा, पूय वा, सोणियं वा. मोहरावेत्ता वा विसोहावेसावा, सीओदग-वियडेग वा, : सिणोदवियडेण वा, उच्छोलावेज वा धोयावेज या, उच्छोलावेत या, पधोबायत वा साइज्जद ।
जो निन्धी निर्ग्रन्थ के शरीर पर हुएगण्ड-यावद-भगन्दर को, अन्यतीथिक या गृहस्थ से, अन्य किसी प्रकार के तीक्ष्ण शस्त्र द्वारा, छेदन करवाकर, बार-बार छेदन करवाकर, पोप या रक्त को, निकलवावे, शोधन करवावे,
निकलवाने वाली का, शोधन करवाने वालो का अनुमोदन करे।
जो निग्रंन्धी निग्रन्थ के शरीर पर हुए, गण्ड-यावत्-भगन्दर को, अन्यतीर्षिक या गृहस्थ से, अन्य किसी प्रकार के तीक्ष्ण शस्त्र द्वारा, उदन करवाकर, बार-बार छेदन करवाकर, पीप या रक्त को, निकलवा कर, शोधन करवाकर, अचित्त शीत जल से या अचित्त उष्ण बल से, घुलवाये, बार-बार धुलवावे, धुलवाने वाली का, बार-बार धुलवाने वाली का अनुमोदन
करे।
जा जिग्गंधी णिग्यम्स कासि--
वाजाव-भगवसं वा, अण्णउश्चिएग वा, गारपिएक वा, अन्नवरेणं तिनेणं सत्थजाएणं, अच्छवावेत्ता वा, विग्छिवावेत्ता वा, पूयं वा, सोणियं वा, . नोहराबेला वा, विक्षोहावेसावा, सौओवग वियडेग वा, सिषीबग-विएडेप वा, उच्छोलावेत्ता वा, पधोयावेत्ता ना, अन्नयरेणं आलेवषमाएणं, आलिपावेज्ज वा विलिपावज्ज वा, आलिपावेत का, विसिपायेंतं वा साइज्जद ।
जो निम्रन्थी निग्रन्थ के शरीर पर हुएगई.-यावत् -भगन्दर को, अन्यतीर्थिक या गृहस्प से, अन्य किसी प्रकार के तीक्ष्ण शस्त्र द्वारा, छेदन करवाकर, बार-बार छेदन करवाकर, पीप या रक्त को, निकलवाकर, शोधन करवाकर, अचित्त शीत जल से या अचित्त उष्ण जल से, धुलवाकर, बार-बार धूलवाकर, अन्य किसी एक लेप का, लेप करवाये, बार-बार लेए करवावे,
लेप करवाने वाली का, दार-गर लेप करवाने वाली का अनुमोदन करे।
जो निग्रंन्थी निम्रन्थ के शरीर पर हुए, गण्ड -यावत्-भगन्दर को, अन्यतीथिक या गृहस्य से, अन्य किसी प्रकार के तीक्ष्ण शस्त्र द्वारा, वेदन करवाकर, बार-बार छेदन करवाकर, पोप या रक्त को, निकलवाकर, गोधन करवाकर,
जा गिगांथी णिगंथरस कार्य सि--- पंवा-जाव-भगंदलंबा, अग्णउस्थिएग वा, गारथिएण वा, अन्नवरेणं तिक्वेणं सस्थजाएणं, अक्सिवासा वा, विक्छियायेना चा, पूर्वगा, सोणिय वा, मोहरावेत्ता वा, विसोहावेत्ता वा,