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विपरीत प्रायश्चित्त कहने के प्रायश्चित्त सूत्र
चारित्राचार
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जे भिक्खू उम्घाइय-संकाप सोचा गच्या संमुजद संभुजतं जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु का) उद्घातिक प्रायश्चित्त का बा साहस्जद।
संकल्प सुनकर या जानकर (उसके साथ) आहार करता है. कर
वाता है, करने वाले का अनुमोदन करता है । मे मिक्त उग्धाइयं वा उग्धाहय-हेड वा सघाइप-संकप्पं वा जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु के) उद्घातिक प्रायश्चित्त; सोमवा गच्चा संभुजा संमुजंतं वा साइज्जद।
उद्घातिक प्रायश्चित्त का हेतु या उद्घातिक प्रायश्चित्त का संकल्प सुनकर या जानकर (उसके साथ) आहार करता है. कर
वाता है, करने वाले का अनुमोदन करता है। ने जिप अणुरघाइयं सोच्था एच्चा संभुजई संमुजतं या जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु को) अनुपातिक प्रायचित्त साइज्जह।
प्राप्त हुआ है, ऐगा सुनकर या जानकर (उसके साथ) आहार
करता है, करवाता है, करने बाले का अनुमोदन करता है।' जे भिषयू अणुग्धाइय-हे सोच्चा गच्चा संमुजद संमुजंतं वा जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु के) अनुद्घातिक प्रायश्चित्त साइग्जा।
का हेतु सुनकर या जानकर (उसके साथ) आहार करता है, कर
दाता है, करने वाले का अनुमोदन करता है। जे मिक्स्यू अपुग्धाइय-संकप्पं सोरचा गच्चा संभुजह संमुजतं जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु का) अनुवातिक प्रायश्चित्त, वा साइजइ।
का मंबाल्प सुनकर या जानकर (उसके साथ) आहार करता है,
करवाता है. करने वाले का अनुमोदन करता है । जे भिक्खू अणुग्धाइयं वा अणुयाइय-हेउं वा अणुराइय- जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु के) अनुद्घातिक प्रायश्चित्त, संकप्पं वा सोच्चा पाचा संभुजद संभुर्जतं वा साइज्जइ । अनुद्घातिक प्रायश्चित्त का हेतु या अनृद्धातिक प्रायश्चित्त का
संकल्प सुनकर या जानघर (उसके साय) आहार करता है, करत.
वाता है, करने वाले का अनुमोदन करता है । जे भिक्खु उम्घाइयं वा अणुरधाइयं वा सोच्चा णचा संभुज जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु को) उदघातिक प्रायश्चि संभुजत वा सारज्जा।
और अनुवातिक प्रायश्चित प्राप्त हुआ है, ऐसा मुनफर य जानकर (उस के साथ) आहार करता है, करवाता है, या करने
वाले का अनुमोदन करता है। जे भिक्खू आधाइय हे वा अगुग्याइय-हेज बा सोच्या णच्चा जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु को) उद्घातिक प्रायश्चित्त या संभुबइ संमुजतं वा साइजह
अनुद्घातिक प्रायश्चित, प्रायश्चित्त का हेतु सुनकर या जानकर (उसके साथ) आहार करता है, करवाता है, करने वाले का अनु
मोदन करता है। जे भिक्खू अग्याइय-संकल्प वा अणुग्याइप-संकरप वा साँच्चा जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु को) उद्घातिक प्रायश्चित्त या णमा संभुजा संभुत वा साइजह ।
अनुद्घातिक प्रायश्चित्त, प्रायश्चित्त का संकल्प सुनकर या जानकर (उसके साथ) आहार करता है करवाता है करने गले का
अनुमोदन करता है। जे भिक्खू उग्याइयं वा अगुग्धा इयं वा उग्घाइय-हे या जो भिक्षु (किसी अन्य भिक्षु को) उद्घातिक प्रायश्चित्त या अणुग्धाइप-हेउ या उग्घाइप-संकप्पं वा अणुग्धाइय संकापं या अनुद्घातिक प्रायश्चित्त, उद्घातिक प्रायश्चित का हेतु, अनुद्सोच्या गच्चा संभुजद संभुजंत वा साइज्जई ।
पातिक प्रायश्चित्त का हंतु, उद्घातिक प्रायश्चित्त का संकल्प, अनुद्घातिक प्रायश्चित्त का संकल्प सुनकर या जानकर (उसके साथ) आहार करता है, करवाता है, करने वाले का अनुमोदन
करता है। सं सेहमाणे आवबह चाउम्मासि परिहारद्वागं अणुग्याइय। उसे चातुर्मासिक अनुद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चिस)
-नि. उ. १०, सु. १५-३० आता है।