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सूत्र १६.५६२
मैथुन सेवन के संकल्प से मल निकालने के प्रायश्चित्त सत्र
चारित्राचार
[३६९
फूमेऊन वा, रएज्ज वा,
फूमेंतं या, रएतं वा साइज्जई । तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारद्वाणं अणुग्याइयं ।
--नि. उ.६, सु. ३०-३५ मेहणवडियाए मलणाहरणस्स पायच्छित्त सुत्ताई
रंगे, बार-बार रंगे, रंगवावे, वार-बार रंगवाचे, रँगने वाले का, बार-बार रंगने वाले का अनुमोदन करे।
उसे चातुर्मासिक अनुद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त) आता है। मैथन सेबन के संकल्प से मल निकालने के प्रायश्चित्त
सूत्र
५६१. भिक्खू माउग्गामस्स मेहणदडियाए अप्पणो
भमिछ-मलं वा, कण्ण-मसं वा, दंत-मलं वा, नह-मसं घा,
नोहरेन्ज परविसोहेज्ज वा,
नोहरत वा, विसोत वा साइज्मद । जे भिक्खू माजग्गामस्स मेहगवडियाए अप्पगो
कायाभो
सेयं वा, जल्लं वा, पंकं वा, मसं वा,
नीहरेज वा, विसोहेज्ज वा,
नीहरेंस वा, विसोत वा साइजह । सं सेवमाणे आवजह चाउम्मासियं परिहारद्वाणं अग्याश्यं ।
-नि. उ. ६, सु. ७४-७५ मेहणवडियाए पायपरिकम्मस्स पायच्छित सुताई-
१६१. जो मित माता के समान हैं इन्द्रियाँ जिसकी (ऐसी स्त्री से) मैथन सेवन का संकल्प करके अपने
अन्तिों के मल को, कान के मैल को, दांत के मैल को, नज के मल को,
दूर करे, शोधन करे, दूर करवावे, शोधन करवाये, दूर करने वाले का, शोधन करने वाले का अनुमोदन करे।
जो भिक्षु माता के समान हैं इन्द्रियाँ जिसकी (ऐसी स्त्री से) मथुन सेवन का संकल्प करके अपने---
स्वेद (पसीना) को, जल्ल (जमा हुआ मैल) को, पंक (लगा हुजा कीचड़) को, मल्ल (लगी हुई रज) को,
दूर करे, शोधन करे, दूर करवावे, शोधन करवावे, दूर करने वाले का, जोघन करने वाले का अनुमोदन करे ।
उसे चातुर्मालिक अनुद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त) आता है। मथुन सेवन के संकल्प से पैरों का परिकर्म करने के प्रायश्चित्त सूत्र५६२. जो भिक्षु माता के समान हैं इन्द्रियाँ जिसकी (ऐसी स्त्री से) मैथुन सेवन का संकल्प करके अपने पैरों का
मार्जन करे, प्रमार्जन करे, मान करवाये, प्रमार्जन करवावे,
मार्जन करने वाले का, प्रमाणन करने वाले का अनुमोदन करे।
जो भिक्षु माता के समान हैं इन्द्रियाँ जिसकी (ऐसी स्त्री से) मैथुन सेवन का संकल्प करके अपने पैरों का
मदन कर, प्रमर्दन करे, मर्दन करवावे, प्रमर्दन करवाये,
मर्दन करने वाले का, प्रमदंन करने वाले का अनुमान करे।
जो भिक्षु माता के समान हैं इन्द्रियों जिसकी (ऐसौ स्त्री) मंथुन सेवन का संकल्प करके अपने पैरों पर
५६२. भिक्खू माउणामस्स मेहुणवस्याए अप्पगो पाए
आमज्जेज्ज वा, पमज्जेज्ज वा,
आमजन्त वा, पमज्जन्तं वा साइज
जे भिक्षू माउग्गामस्प्त मेहणज्यिाए भप्पगो पाए---
संबाहेजपा, पलिमद्दे ज्ज वा.,
संबाहेत या, पसिमतं ना माहज्यद ।
जे त्रिव माजग्गामस्स मेहणवरिमाए मापनो पाए