________________
१२)
भरणामुयोग
ह लौकिक आदि कामों में आसक्ति रखने का प्रयास
सत्र ७११-७१२
तं सेवमाने बावज्जा चाउम्मासियं परिहारहाणं उग्धाइयं । उसे चातुर्मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चिन)
--नि, उ. १२, सु. १६-२८ आता है। दहलोइयाइवेसु आसत्तिए पायच्छित्त सुत्तं - इहलौकिक आदि रूपों में आसक्ति रखने का प्रायश्चित्त
सूत्र७.१. जे भिक्खू १. इहलोइएसु वा स्वेसु, २. परलोइएसु वा ७११. जो भिक्ष (१) इहलौकिक रूपों में, () पारलौकिक रूपों
स्वेसु, ३. क्टुि सु वा रुवेसु, ४. अदि?'सु वा हवेसु. ५. सुएसु में, (३) दृष्ट कयों में, (४) अदृष्ट रूपों में, (५) श्रुत रूपों में, वा बेसु. ६. अमुएसु वा स्येसु, ७. विग्णाएसु वा रुवेसु, (६) अश्रुत रूपों में, (७) शात कों में, (0) अज्ञात रूपों में
. अविण्णाएमु वा बेसु. सज्जइ रस्जद गिज्यइ अजमोव- आसक्त, रक्त, गुद्ध और अत्यधिक गृह होता है, होने को कहता वजह सज्जमाणं षा, रज्जमाणं वा, गिज्झमाणं वा, अशो- है, होने वाले का अनुमोदन करता है। वबज्ममाणं या साइजा। सं सेवमाणे भावग्जद बाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्धाहयं । उसे चातुर्मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त)
नि. उ, १२, सु. २६ आता है। मत्ताइए अत्तवसणस्स पायपिछत्त सुताई
पान आदि में अपना प्रतिबिम्ब देखने के प्रायश्चित्त सूत्र७१२. भिक्खू मत्तए अप्पाणं वेहद बेहतं वा साइजइ । ७१२. जो भिक्षु पाव में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने के
लिए कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है। मे मिक्स् अहाए अप्पागं बेहद बेहत बा साहम्मद । ___ जो भिक्षु आरीसा में अपना प्रतिविम्ब देखता है, देखने को
कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है। जे भिपजू असीए अप्पाणे वेहद बेहतं वा साइज्जइ । जो भिक्षु तलवार में अपना प्रतिबिम्ब देखता है. देखने के
लिए कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है। मे भिक्खू मणौए अप्पाणं बेहद देहतं वा साहज्जद ।
जो भिक्षु मणि में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने के
लिए कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है। ने मिमधू कुहा पाणे अपागं देहइ देहतं वा साइना । जो भिक्षु कुंड के पानी में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने
के लिए कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है । में भिक्खू तेरुले अप्पार्ण वेहह बेहतं था साइजइ ।
जो भिक्षु तेल में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने के लिए
कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है । मे भिनल माए अपाणं वेहद बेहतं वा साइजइ । ___ जो भिक्ष मधु में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने के लिए
कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है। जे भिम सप्पिए अपाणं बेहद बेहतं वा साइण्जद। ___जो भिक्षु घी में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने के लिए
कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है। ने मिक्खू फाणिए अप्पाणं वेहड बेहतं वा साइजह ।
जो भिक्षु गुड़ में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने के लिए
कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है। में मिक्खू मज्जए अप्पाणं वेहह बेहतं वा साइज्जह ।
जो भिक्षु मज्जा में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने के
लिए कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है। जे मिक्खू वसाए अप्पा बहा देहतं वा साहज्जइ ।
जो भिक्षु चरबी में अपना प्रतिबिम्ब देखता है, देखने के
लिए कहता है, देखने वाले का अनुमोदन करता है । सं सेवमाणे आवजा वाचम्मासि परिहारदा उघाइयं । उसे चातुर्मासिक उपातिक परिहारस्थान प्रायश्चित्त)
-नि.उ. १३, सु. ३१-४१ आता है।