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सूत्र ४६१-४६२
विभूषा के संकल्प से कृमि निकालने का प्रायश्चित्त सूत्र
बारित्राचार
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मे भिक्खू विभूसावडियाए अप्पणो कार्यसि- . गंड वा-जाब-भगंदल वा, अन्नयरेणं तिक्खेगं सत्यजाएणं, अस्छिविता वा, विपिछविता वा, पूर्य वा, सोणियं या, नौहरेत्ताबा, विसोहेता वा. सीओधग-वियरंग वा, उसिणोदग-वियांग वा, उपछोलेसा वा, पधोएत्ता वा, अन्नयरेणं आलेवणजाएणं, आलिपिता वा, विलिपित्ता वा, तेस्लेण वा-जान गवणीएण बा, अम्मंगेज वा, मक्खेत वा,
आमंगसंषा, भवसंत या साइज्जा।
मे भिक्षु विसावड़ियाए अपणो कार्यसिगां वा-जाव-प्रगंबलं या. अन्नयरेणं तिक्खेगं सत्यजाए. अच्छिदिता वा, विन्छिवित्ता वा, पूयं वा, सोणियं वर, नौहरेसा वा, विसोहेता वा, सीओवियडेण वा, उसिणोववियरेण वा, उच्छोलेता वा, पधोएता वा, भायरेणं आलेवणजाएगं, आलिपित्ता वा, विलिपित्ता था, सेल्लेण वा-जाव-गगोएणवा, अभंगेत्ता वा, मखेसा या अन्नवरेगं घुषणाएग, धूवेज्ज बा, पधूवेज्ज वा,
जो भिक्षु विभूषा के संकल्प से अपने सारीर केगण्ड--यावत्-भगन्दर को, किसी एक प्रकार के तीक्ष्ण शस्त्र से, छेदन कर, बार-बार छेदन कर, पीए या रक्त को, निकालकर, शोधन कर, अवित्त शीत जल से या अचित्त उष्ण जल से, धोकर, बार-बार धोकर, किसी एक प्रकार के लेप का, लेप कर, बार-बार लेप कर, तेल-यावत्-मक्खन मले, बार-बार मले, मलवावे, बार-बार मलवावे, मलने वाले का, बार-चार मलने वाले का अनुमोदन करे । जो मिक्षु विभूषा के संकल्प से अपने शरीर केगण्ड यावत् .. भगन्दर को, किसी एक प्रकार के तीक्ष्ण शस्त्र से, छेदन कर, बार-बार छेदन कर, पोप या रक्त को, निकाल कर, शोधन कर, अचित्त शीत जल से या अचित्त उष्ण जल से, धोकर, बार-बार धोकर, अन्य किसी एक प्रकार के लेप का, लेप कर, बार-बार लेप कर, तेल-यावत्-मक्खन, मलकर, बार-बार मलकर, किसी एक प्रकार का धूप देवे, वार-बार धूप देवे, धूप दिलवावे, बार-बार धुप दिलबावे,
धूप दिलवाने वाले का, बार-बार धूप दिलवाने वाले का अनुमोदन करे ।
उसे चातुर्मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित) आता है। विभूषा के संकल्प से कृमि निकालने का प्रायश्चित्त सूत्र४६२. जो भिक्षु विभूषा के संकल्प से अपने--
गुदा के कृमियों को और कुक्षि के कृमियों को अंगुली सालडालकर निकालता है, निकलवाता है, निकालने वाले का अनु. मोदन करता है।
धूबा , पधूवंतं वा साहग्जद।
त सेवनाणे आवज्जद घाउम्मासिवं परिहारदाण उग्धाइयं ।
-नि. उ. १५, सु. ११-१२३ विभूसाडियाए किमिणीहरणस्स पायच्छित्तसुत्त- ४६२. बेसिक्स्थ विमूसावल्यिाए अप्पणो
पासुकिमियं वा, कुञ्छिकिमियं बा, अंगुलीए निवेसिय निवे- सिय नोहरेड, नोहरतं वा साइज्जइ ।