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कढ़ापा-अजंपा (७)
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कुत्ते को भी समाधि रहती है। वह पूरियाँ खाकर सो जाता है तो पूरी रात समाधि ही रहेगी न! जिसे उपाधि में समाधि रहे, वह इंसान कहलाता है। कढ़ापा-अजंपा लोगों के लिए दुःखदायी नहीं है?
प्रश्नकर्ता : लेकिन उसे दुःख मानोगे तो दु:ख रहेगा।
दादाश्री : नहीं, लेकिन जैसा माने वैसा रहता नहीं है न! दुःख मानें तो दु:ख है, वह बात तो सभी जानते हैं लेकिन जगत् में यदि सभी ऐसा ही मानें तब तो कोई दुःख मानेगा ही नहीं न! कई लोग दुःख है, ऐसा मानने को तैयार ही नहीं होते, फिर भी दुःख नहीं मिटते न!