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बॉस-नौकर का व्यवहार (१६)
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लाभ हो गया गया। मेरे साहा जाए! आजाहत रखना। नजर
हो, वैसा सामने कुत्ता बैठक पीछे पड़ कखाएगा। कुऔर उसके अ
दादाश्री : हाँ, उसे समझ में आए, उसे लागणी (भावुकतावाला प्रेम, लगाव) उत्पन्न हो, उस तरह से समझाना चाहिए।
अन्डरहैन्ड भी उपकारी बनें आपके यहाँ कोई नौकरी कर रहा हो तो कभी भी उसका तिरस्कार मत करना, छेड़ना मत, सभी को मानसहित रखना। न जाने किस व्यक्ति से हमें क्या लाभ हो जाए! आज आपको ‘इनके' द्वारा बहुत लाभ हो गया। मेरे साथ परिचय हुआ न, वही बहुत बड़ा लाभ हो गया। इसे अपूर्व लाभ कहते हैं। किसी काल में नहीं सुना हो, वैसा लाभ कहलाता है। इसलिए किसी को परेशान मत करना। घर के सामने कुत्ता बैठा हुआ हो तो उसे भी परेशान मत करना। वह कुत्ता यदि किसी के पीछे पड़ जाए तो वह व्यक्ति आपके घर में घुस जाएगा और आपको सत्संग करवाएगा। कुत्ता यदि 'ज्ञानीपुरुष' के पीछे पड़ गया तो 'ज्ञानीपुरुष' आसरा ढूँढेंगे और उसके घर में घुस जाएँगे। देखो, कुत्ता काम में आया न! सभी कुछ काम में आए, ऐसा है इस जगत् में! सभी में परमात्मा बिराजमान है और जीव मात्र रात-दिन आपकी सेवा में ही है। लेकिन उसे सेवा का लाभ उठाना नहीं आता, लाभ लेना नहीं आता।
जहाँ देखो वहाँ बॉस, बॉस और बॉस! और आप भी वापस किसी के बॉस। वह बॉस उस अन्डरहैन्ड को डाँट-डाँटकर बेचारे का तेल निकाल देता है, चैन से बैठने भी नहीं देता। इसलिए हम सभी को इतना अच्छा न्यायी जीवन जीना चाहिए कि किसी को भी दु:ख नहीं हो। बॉस को दुःख नहीं हो, अन्डरहैन्ड को दुःख नहीं हो, घर पर वाइफ को दुःख नहीं हो, बच्चों को दुःख नहीं हो, ऐसा जीवन जीने के लिए आपको आपकी 'मशीनरी' 'ज्ञानीपुरुष' से 'ओवरहॉल' करवानी पड़ेगी। ओवरहॉल करवाने का टेन्डर लाए हो?
प्रश्नकर्ता : आपकी वाणी में भी कोन्ट्रेक्टर की भाषा निकलती