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विषय-सूची
अनेकान्त के स्तम्भ वर्धमान-जिन-स्तुनि.
४६ १. ऐतिहासिक महापुरष 'दर्शन' का अर्थ 'मिलना
स्तम्भ में तीर्थकर, प्राचार्य, त्यागी, भक्तजन, राजा, -श्री प० रतनलाल कटाग्यिा ५०
मत्री, शूरवीर, धर्मवीर, कर्मवीर, दानवीर और हरिभद्र द्वारा उल्लिवित नगर
ग्रन्थ कागे के परिचय रहेंगे। -डा० नमिचन्द जैन ५१ २. अनुसन्धान और सिद्धान्त जैन अपभ्रंश का मध्यकालीन हिन्दी के
इतिहाग और साहित्य सम्बन्धी शोध- खोज के और भक्ति काब्य पर प्रभाव-डा० प्रेमसागर जैन ५७
मैद्धान्तिक लेख रहेगे। जैन साहित्य में मथुग-डा. ज्योतिप्रसाद जैन
३. गौरव-गाथा अज्ञात हिन्दी कवि टेकचन्द व उनकी रचनाएँ -श्री अगरचन्द नाहटा
जैन पूर्वजों के द्वाग की गई लोकसेवा और गौरव
गाथा के लेख रहेगे। गनी मगावती -श्री सत्याश्रम भारती ग्रंथ एवं ग्रथकारों को भूमि-राजस्थान
४. तीर्य, मन्दिर और गुफा डा० कस्तूरचन्द कामलीवाल
प्राचीन जैन तीर्थो, मदिगे, गफाओं और मूर्तियो आदि काष्ठामंध स्थित माथुर संघ-गुर्वावली
के परिचय दिये जायगे। -पं० परमानन्द जैन शास्त्री
५. कथा-कहानी - कवि जगतराम
मुच और भावपूर्ण पौगणिक, ऐनिहासिक तथा राजनापुर विनग्विनी की धानु प्रतिमाग
मालिक कहानियां रहेगी। -थी बालचन्द जैन एम०१० ८५ ६. नारी समुत्थान ऐहोल का शिलालेख
स्त्रियों को ऊंचा उठाने और कर्तव्यनिष्ठ बनाने वाले --श्री प० के० भुजावली गाम्बी ८७
लेख रहेंगे। श्रीक्षेत्र बडवानी
७. सुभाषित मरणयां -प्रो० विद्याधर जोहरापुरकर
जीयन - ज्योति जगाने वाली मूक्तियों का मकलन तत्त्वोपदेश-छहढाला : एक समालोचन
रहगा। -श्री पं. दीपचन्द पाण्ड्या साहित्य-समीक्षा - डा.प्रेमसागर
-सनालोचना के लिये साहित्य निम्न पते पर भेजे।
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अनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिये सम्पादक मण्डल उत्तरदायी नहीं है।
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