Book Title: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth
Author(s): Saubhagyamuni
Publisher: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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श्रद्धार्चन एवं वन्दना | ६१ ।
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महाराज साहब के पवित्र तथा उदार जीवन की जो सुअवसर हमें प्राप्त हो रहा है, यह हमारे लिए जीवित झलक हमें उनके अन्तेवासी श्रमणों के जीवन में अत्यन्त हर्ष और आनन्द का विषय है। भी स्पष्ट दिखाई देती है। यह स्वाभाविक ही है । गुरुजनों हमारी यह हार्दिक शुभकामना है कि परम पूज्य का, माता-पिता का अपने छोटों पर जैसे उनका (बड़ों का) गुरुदेव की पावन छत्रछाया हमें शत-शत वर्ष पर्यन्त प्राप्त जीवन होता है, निश्चय ही प्रभाव पड़ता है।
रहे । परम श्रद्धास्पद पूज्य गुरुदेव का जो आध्यात्मिक पूज्य प्रवर्तक श्री अम्बालाल जी महाराज साहब उपकार हम सब पर, जैन समाज पर, मानव-समुदाय अध्यात्म जगत् की एक महान विभूति है। अध्यात्म उत्कर्ष पर है, वह सदा स्मरणीय रहेगा। के पवित्र मार्ग पर चलने वाले उपासकों के लिए वे एक प्रकाश-स्तम्भ की तरह हैं जिससे अपनी मन्जिल पर पहुँचने में उन्हें स्फरणा व चेतना प्राप्त होती है। हमारी Uऊकारलाल साव्या समग्र समाज की, यह अन्तर्भावना है कि पूज्य प्रवर्तक
[अध्यक्ष-श्री व० स्था० जैन श्रावक संघ, सनवाड़] महाराज साहब की शतशत वर्षावधिक छत्रछाया हमें प्राप्त वीर भूमि मेवाड़ की इस पावन धरा पर, मेवाड़ रहे ताकि हम अपने समस्या संकुल एवं विभ्रान्त जीवन पूज्य प्रवर्तक गुरुदेव श्री अम्बालाल जी महाराज साहब में अभिनव-शक्ति का संचय करते रह सकें।
उन महान् पुरुषों में से हैं जिनकी आलोक किरणें जनमानस में गहरे अन्धकार को दूर कर प्रकाशमयी बना
रही है। [ सोहनलाल सूरिया
आपका जीवन बाल्यकाल में गृहस्थावस्था से लेकर [अध्यक्ष-अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति,
५० बर्ष की संयमावस्था तक बालब्रह्मचारी अत्यन्त निर्मल चार भुजा रोड, आमेट (राजस्थान)]
एवं प्रेरणास्पद आदर्शमय रहा है। महान् शास्त्रवेत्ता, अध्यात्म-जगत् के पावन प्रकाश- मेवाड का जैन स्थानकवासी समाज हृदय आपको स्तम्भ, उज्ज्वल चारित्र के धनी, पूज्य प्रवर्तक, परम अपने बीच पाकर उल्लास और आनन्द की तरंगों से प्रसन्न श्रद्धेय गुरुवर्य श्री अम्बालाल जी महाराज साहब ने होता है। मेवाड़ की इस पावन धरा में धर्म-प्रसार का जो महान्
अतः आपका सार्वजनिक अभिनन्दन किया जा रहा कार्य किया है तथा कर रहे हैं, वह वास्तव में उनकी
है-मैं इसके लिए अत्यन्त हर्ष एवं गौरव का अनुभव मेवाड़वासियों पर असीम कृपा है। मेवाड़ के कोने-कोने
करता हूँ और जिनदेव से प्रार्थना करता हूँ कि आपको में पाद-विहार करते हुए जन-जन को सदाचार, संयम उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घ जीवन प्रदान करे। तथा सद्भावना की जो प्रेरणा आप देते आ रहे हैं, हम किन शब्दों में आपका आभार मानें। आपकी सर्वत्र अत्यन्त प्रतिष्ठा है।
जहरखलाल लोढ़ा ___आपके पूर्ववर्ती महान् आचार्यों ने इस मेवाड़-भूमि
[मंत्री-श्री व० स्था० जैन श्रावक संघ, सिन्दु] को अपने सदुपदेशों से पावन बनाया तथा बड़े-बड़े रत्न प्रसूः मेवाड़, अनेक मौलिक तथा आध्यात्मिक आध्यात्मिक चमत्कार दिखाये।
रत्नों की खान है। रत्न प्रायः पहाड़ों में मिला करते सन्त और साधक के जीवन में जो सरलता, कोमलता, हैं। महापुरुष भी प्रायः गाँवों में पैदा हुआ करते हैं। सहजता एवं पवित्रता होती है, आप उसके साक्षात् थामला एक गाँव है उदयपुर जिले का । माँ प्यारा देवी प्रतीक हैं। हमारा परम सौभाग्य है कि आप जैसे महान् । की कुक्षी में एक अद्भुत रत्न आया, जो जन-जीवन चारित्र्यशील गुरुदेव हमें प्राप्त हुए हैं।
के लिए कल्प वृक्ष सिद्ध हुआ। गुरुदेव के संयम-जीवन के पचास वर्षों की सम्पूर्ति "श्रेयांसि बहु विघ्नानि" अच्छे कार्यों में प्रायः विघ्न के उपलक्ष्य में दीक्षा-स्वर्ण-जयन्ती महोत्सव मानने का आया ही करते हैं।
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