Book Title: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth
Author(s): Saubhagyamuni
Publisher: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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४ | पूज्य प्रवर्तक श्री अम्बालाल जी महाराज-अभिनन्दन ग्रन्थ : परिशिष्ट
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WUUN
KARANAS
राज के ओजस्वी प्रवचनों का रसास्वादन कर जनता धन्य हो उठी । प्रमुख प्रवक्ता पूज्य मरुधर केसरी जी महाराज ने रचनात्मक कार्य करने का प्रेरक सन्देश प्रदान किया।
मध्याह्न में धर्म-ज्योति परिषद का खुला अधिवेशन दानवीर सेठ भूरालाल जी सूर्या की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुआ।
विशेष अतिथि श्रीमान् ओंकारलाल जी बोहरा भू. पू. एम. पी. ने उद्घाटन करते हुए समाज में व्यापक परिवर्तन लाने और उपयोगी एकता बनाने हेतु बड़े ओजस्वी शब्दों में अपनी बात कही।
श्री बोहरा जी ने कहा- हम बहुत टुकड़ों में बँटे हुए हैं यह हमारे पिछड़ने का मूल कारण है। साम्प्रदायिक ऐक्य बनाने हेतु उन्होंने कहा-सम्प्रदायों से दुराग्रहों का त्याग कर एक-दूसरे को निकट जाना चाहिए।
छोटी-छोटी बातों पर जो साम्प्रदायिक विवाद खड़े हो जाते हैं उनकी उन्होंने कड़े शब्दों में भर्त्सना की।
श्री बोहरा ने आग्रह किया कि जैन यदि अपने महत्त्व को समझ जाए तो वह देश की वर्तमान परिस्थितियों में अपना योग्य स्थान प्राप्त कर सकता है।
अन्त में बोहरा जी ने धर्म ज्योति परिषद को उपयोगी संस्था बताते हुए, इसके विकास के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव दिये।
अधिवेशन में मन्त्री ने संस्था की रिपोर्ट पढ़ी, कोषाध्यक्ष ने आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डाला । कुछ महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुए जिनमें समाज-सुधार, स्वाध्याय केन्द्रों की स्थापना, साहित्य-प्रकाशन तथा सेवायोजना को आगे बढ़ाने के प्रस्ताव मुख्य थे।
शाखा कार्यालय मोलेला ने भी अपनी रिपोर्ट रक्खी। अन्त में नये चुनावों के साथ तथा आम बजट की स्वीकृति के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
अधिवेशन के मध्य जिन प्रवक्ताओं ने अपने विशेष भाषण दिये, उनमें श्री मदनलाल जी पीतल्या (मुन्सिफ बाडमेर) श्री शंकर जी जैन, श्री तेजमल जी बाफना आदि प्रमुख थे। स्नेह-सम्मान
- धर्म ज्योति परिषद् के श्रेष्ठ कार्यक्रमों में एक कार्यक्रम "धर्म ज्योति" के प्रचार-प्रसार का भी है। विगत वर्षों में धर्म ज्योति के प्रचार-प्रसार में समाज के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, उनमें सर्वाधिक सेवा देने वाले श्रीमान् चान्दमल जी सूर्या, श्रीमान् भंवरलाल जी तलेसरा, श्रीमान् भगवतीलाल जी तातेड़ को संस्था ने सम्मान-पत्र प्रदान किये । स्वर्गीय श्रीमान् फतहलाल जी जैन गंगापुर वासी को मरणोपरान्त सम्मान-पत्र अर्पित किया। महिला सम्मेलन
लगभग ३ बजे के बाद इन्दौर निवासी श्रीमती कमला बहन जी (माता जी) की अध्यक्षता में महिला सम्मेलन प्रारम्भ हआ। इसमें हजारों की तादाद में महिलाएँ सम्मिलित हईं। परम विदुषी महासती जी श्री प्रेमवती जी ने अपने ओजस्वी प्रवचन द्वारा इस सम्मेलन को सम्बोधित किया। महासती श्री चन्द्रावती जी ने भी अपना सारगर्भित प्रवचन दिया। डॉ० श्रीमती शान्ता भानावत ने बड़े ओजस्वी भाषण से नारियों को, कुरीतियों का परित्याग करने का आग्रह किया।
. श्री कमला माताजी ने कहा कि यदि बहनें अपने जीवन में आवश्यक परिवर्तन ले आयें तो समाज की काया पलट हो सकती है।
इस विशाल अधिवेशन में अनेक महिलाओं ने कुरीतियों, रूढियों, दहेज और दस्तूर आदि को ठुकराने का सुदृढ़ निश्चय किया।
___ लगभग पांच बजे तक प्रस्तुत सम्मेलन चला । अनेकों विदुषी महिलाओं ने अपने सुन्दर प्रवचन देकर नारी समाज को जागृति के सन्देश सुनाए । युवक सम्मेलन
दिनांक ३, रात्रि को आठ बजे से युवक सम्मेलन का कार्यक्रम था। बाहर की जनता, टैक्सियों, स्पेशल मोटरों और बसों, कारों द्वारा कोशीथल में लगातार पहुंच रही थी।
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