Book Title: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth
Author(s): Saubhagyamuni
Publisher: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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0 मुनि नरेन्द्र 'विशारद'
श्रद्धा-सुमन पंचक
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(१)
महामुनि पूज्य "अम्बालाल जी" श्रमण प्रवर्तक हैं प्यारे । नगर थामला में जन्में हैं, जियें जुग जुग जैन सितारे ।।
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मेवाड़ धरा के सच्चे सपूत हैं, “भारमुनि" गुरु को धारे । मेवाड़ के हैं संघ शिरोमणि, श्रमण संस्कृति के सहारे ॥
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धर्मवीर हैं आप धुरन्धर' मेवाड़ भूमि की रखती शान । अभिनन्दन करता हूँ आपका, श्रद्धा से सुन्दर सन्मान ।।
समय समय पर मुझे आपके, दर्शन का सौभाग्य मिले । निश्चय मेरे हृदय सरोवर में, अपरिमित आनन्द पुष्प खिले ।।
श्रद्धा के शुम पंच सुमन, चरणों में अर्पण करता हूँ। भक्ति-विभोर इन भावों से, मैं सुखद कामना घरता हूँ ।
अभिवन्दना
0 श्री विनय मुनि विधु'
(मधुकर-शिष्य)
मेरी हो अभिवन्दना,
तव चरणों में नित्य । मुनिवर "अम्बालाल !" तुम,
बनो जगत आदित्य ।।
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