Book Title: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth
Author(s): Saubhagyamuni
Publisher: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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श्री रिखबदासजी महाराज द्वारा लिखित छोटी पट्टावली ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। परंपरागत पट्टावली पत्रक की उस समय की गई प्रतिलिपि प्रतीत होती है। संक्षिप्त पट्टावली में कुछ अन्य स्थानकवासी परंपराओं की भी नामावलियां दी गई हैं जो अनुसंधान का विषय हो सकती हैं। h-or-o---------------------------------
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छोटी पट्टावली
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अथ छोटी पाटावली लिपंते । समत: १५३१: के साल: ४५ जणा लुका महेता की साषस्यु संजम मार्ग आदर्यो: तीवार पछे फरे साध आचार थकि ढाल पड्या: समत १७०६ के साल लुका जती वजरंग जी नो गछ बोसरावीने: लवजीसाध: ४ ठाणा स्यु निकल्याः पछे सोमजी साहाः लवजी रिषजी कने दिष्या लीधी: पछे केसवजी: ताराचंदची: जोगराजजो लुकानो गछ बेसरावी: सोमरिषजी कने तीन ही दीष्या लीधी: अठा स्सु ढुढिया वाजीया: श्रीम्हावीर स्यु पाट चाल्या ते कहै छैः ॥
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श्री वीर पछे १२ वर्से गोतमजी १ श्री सुधरमासामी २० वर्से पछे २ श्री जंबुसामी ६४ मोष पहंता ३ श्री प्रभव सामीजी ४ श्री जसोभद्र सामीजी ५ श्रीयंभव सामीजी ६ श्री संभूतविजय सामीजी ७ श्री भद्रबाहु सामीजी ८ थुलभद्र सामीजी ९ माहागिरी सामीजी १० सुहस्ती आचारज ११ सुपडी बुधी आचारज १२ इंद्र दिन आचार्य १३ आर्य दिन आचार्य १४ वहेर सामीजी १५ वजरसेण आचार्य
१६ आर्य रोह आचार्य १७ पुस्वगिरी आचार्य १८ फगुमित्र आचार्य १६ धरणगिरी आचार्य २० सीवभुता आचार्य २१ आर्यभद्र आचार्य २२ आर्यनषत्र आचार्य २३ आर्य रिक्षत आचार्य २४ नाहा सामीजी २५ जेहलवीसनु आ २६ सढील आचारज २७ दिवठी षमासाण २८ नागाजुण आचारज २६ हीमंत आचार्य ३० वाचिक आचार्य ३१ गोवंदक आचार्य
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