Book Title: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth
Author(s): Saubhagyamuni
Publisher: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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गुरु-शिष्य की सुहानी जोड़ी
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जैसे चन्द्रमा नक्षत्र एवं तारागणों से परिवृत होकर सुशोभित होता है वैसे ही गुरु सुशिष्यों के परिवार के साथ शोभायमान होता है। १-मध्य में कविराज पंडित प्रवर श्री रिषभदास जी महाराज। परिचय पृष्ठ १५३ २-सामने तेजस्वी संतरत्न गुरुवर के सुशिष्य श्री बालकृष्ण जी महाराज। परिचय पृष्ठ १५६ ३-गुरुदेव के पार्श्व में स्थित सुशिष्य श्री मालचन्द्र जी महाराज। विशेष परिचय अप्राप्त
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