________________ आगम निबंधमाला शिखर पर चढ रही है / लोग धर्म के नाम पर या धर्मगुरुओं के नाम पर धन को समर्पण करने में महादानवीर बनते देखे जाते है / तो तपस्याओं में भी अनेक प्रकार से सूरवीरता सामने आ रही है / ज्ञान प्रचार भी सभी संघो में अनहद होता जा रहा है / अनेक मुमुक्षु आत्माएँ जवान, बालक, वृद्ध ससार त्याग कर आश्चर्य उत्पन्न करे जैसी साधना के शिखर सर करते देखे जा रहें है अंत में हम देख रहे है कि आज के भौतिकवाद के प्रचार के जमाने में इन्द्रिय गुलामी एवं शरीर मोह आसक्ति के इस जमाने में आजीवन अनशन तो पचासों सेकडों वर्षों के रिकार्ड को तोडते जा रहा है / कोई दीक्षा लेते ही भयंकर गर्मी के दिनों में 67 दिन के संथारे की आराधना कर रहे हैं, कोई 93 तिरानवे दिन के संथारे (जिसमें 90 दिन चौविहार और बीस वर्ष की दीक्षा) में आत्मकल्याण सर कर रहे हैं। इस तरह साधु-साध्वी श्रावक-श्राविका चतुर्विध संघ में पूरे हिंदुस्तान में संथारे, पंडितमरण का दौर भी बहुत ही जोर शोर से बढ़ता जा रहा है। कहीं कहीं तो संथारे की लडी(एक न एक संथारा चालु) चलते रहने का भी सुनने में आ रहा है / (कच्छ के लोगो में) उपसंहार : 21000 वर्ष शासन :- इस तरह भगवान का शासन आज फूट, फजीति, राग-द्वेष, सीमातीत शिथिलाचार के चलते भी ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप एवं संथारे की साधना तक में बढ़ते भी जा रहा है / ज्ञान आराधाना में भी आज 32 आगम या अनेक आगम कंठस्थ करने वाले भी प्रकाश में आ रहे हैं / सैकडों जगह ज्ञान शिविर हो रहे हैं / कुल मिलाकर इस नैतिक पतन तथा भौतिकवाद के बोलबाले वाले युग में भी अनेकों धर्मवीर आज भी समय समय जानने सुनने पढने में आ रहे हैं / यों गिरते पडते, चढते भगवान का यह शासन कुल 21000 वर्ष चलेगा। NAARRIER | 33 /