________________ आगम निबंधमाला ... (6) कोई आवे नहीं, कोई देखे नहीं ऐसे स्थानों के बिना एवं निषिद्ध स्थलों में मल-मूत्रादि का परित्याग करना ।-उत्त. २४;निशीथ.३,१५। (7) पुस्तकों और शास्त्रादि को पास में रखना और उन उपकरणों की उभय काल प्रतिलेखन नहीं करना ।-निशी. उद्दे.२ तथा आव. अध्य.४। (8) सामान्य रूप से कोई भी लेखन कार्य करना / पुस्तक प्रकाशन करवाना, या प्रकाशन कार्य में भाग लेना अर्थात् संशोधन भूल.सुधार करना या संपादन करना, प्रकट या गुप्त रूप से प्रेरणा करना / (9) आपरेशन करवाना, सावद्य चिकित्सा एवं गृहस्थ से सेवा लेना / -आचा. श्रु.२ ,अ. 13, उत्त.२, गा. 32 / (10) गृहस्थों को किसी भी प्रयोजन से आने के लिए, जाने के लिए एवं बैठने या कोई भी कार्य करने आदि का कहना या प्रेरणा करना। -दश.७, गा.४७ / .. (11) अल्प वर्षा में या संपातिम जीवीं के गिरने के समय गोचरी आदि जाना / -दशवै.५ / .. (12) जल्दी-जल्दी चलना या पूर्ण रूप से अप्रमार्जित भूमि में चलना। -दशा.१, दशवै. 5 / (13) सुख पूर्वक ग्रामानुग्राम नहीं विचर कर उग्र(लम्बे-लम्बे) विहार करना / -भगवती आदि सूत्र / (14) आधाकर्मी या मिश्र जात दोष युक्त गर्म पानी या धोवण पानी ग्रहण करना / -आचा. श्रु.२, अ.१ / (15) क्षुधा आदि कारण का विचार किए बिना आहार करना एवं रोगआतंक आदि कारण होने पर भी आहार त्याग नहीं करना, किन्तु औषध उपचार करना, डाक्टरों- वैद्यों की भीड़ इकट्ठी करना / -उत्त. 26 (16) सभी उपकरणों की या पात्रों की और पुस्तकों की दोनों समय प्रतिलेखन नहीं करना या प्रतिलेखन प्रमार्जन विधि पूर्वक नहीं करना / -आव.४ / (17) परपरिवाद-दूसरों का अवगुण अपवाद निंदा करना अर्थात् १५वाँ / 68 - - -