________________ आगम निबंधमाला निबध- 47 ब्रह्मचर्य की जानो शुद्धि / उपनियमों में जिसकी बुद्धि // (1) दूध, घत मिष्ठान्न, मावा, मलाई, मक्खन आदि पौष्टिक पदार्थों का सेवन नहीं करना, बदाम पिस्ता आदि मेवे के पदार्थों का भी त्याग करना। (2) ये पदार्थ कभी आवश्यक हो तो अल्प मात्रा का ध्यान रखना और निरंतर अनेक दिन तक सेवन नहीं करना। (3) महिने में कम से कम चार दिन आयंबिल या उपवासादि तपस्या अवश्य करना / (4) सदा उणोदरी करना अर्थात् किसी भी समय पूर्ण भोजन नहीं करना। (5) शाम के समय भोजन नहीं करना या अत्यल्प आहार करना / (6) स्वास्थ्य अनुकूल हो तो एक बार से अधिक भोजन नहीं करना अन्यथा यथासभव कम वखत खाना। (7) एक बार के भोजन में भी खाद्य पदार्थों की संख्या बहुत कम होना / (8) भोजन में मिर्च मसालों की मात्रा अत्यल्प होना आचार अथाणा आदि का सेवन नहीं करना / . (9) तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना। (10) चूर्ण या खट्टे पदार्थों का सेवन नहीं करना / (11) रासायनिक औषधियों या उष्मा वर्धक औषधियों का सेवन नही करना / यथा संभव औषध का सेवन भी नहीं करना / (12) महिने में कम से कम 15 दिन रूक्ष या सामान्य आहार करना अर्थात् धार विगय त्याग करना / (13) स्त्रियों का निकट संपर्क या उनके मुख हाथ पाँव स्तन एवं वस्त्राभूषण आदि को देखने की प्रवत्ति नहीं करना / . (14) दिन को नहीं सोना / 18 manure