________________ आगम निबंधमाला 30. डोरी हिल जावे या डोरी पर कपड़ा हिल जावे तो घर असूझता करना / (व्यक्तिगत)। 31. प्लास्टिक की थेली, मेणिया आदि नहीं रखना / (व्यक्तिगत) 32. गीली स्याही आदि (अखाद्य) पदार्थ भी रात में अपने पास नहीं रखना (जब कि उस पानी के अंश में पेय गुण रहता ही नहीं हैं, परिणामांतर प्राप्त होता है / ) (प्रा.स.) 33. चातुर्मास में बैंडेज की पट्टी नहीं लेना / (जब कि वह कपड़ा तो औषध रूप में परिणत हो जाता है / ) एवं रूई धागा आदि भी नहीं लेना / (परम्परा) 34. प्रथम प्रहर के आहार पानी की सूक्ष्म-सूक्ष्मतर संघट्टा की परम्परा मानना / (परम्परा) 35. साधु के उपाश्रय में दिन में भी अमुक समय के सिवाय बहिनें या साध्वियें बैठना नहीं / (प्रा.स.) 36. संत सतियों को साथ में या एक दिशा में विहार नहीं करना, एक दिशा में स्थंडिल नहीं जाना / (परम्परा) ... 37. फूंक देना या हवा करना (वींजना) इन दो कार्यों के निषेध के अतिरिक्त अन्य अनेक नियम व मर्यादाएं / (आगमानुसार इन दो कार्यों के सिवाय यतानापूर्वक कोई भी प्रवृत्ति करना वायुकाय के सम्बन्ध से निषिद्ध नहीं है / ) (व्यक्तिगत) 38. रजोहरण की डंडी पर वस्त्र होना आवश्यक है / पूंजणी एवं डंडा आदि पर नहीं / (प्रा.स) 39. उपाश्रय में रात में गहस्थ एक तरफ अपना आवश्यक पानी रख सकते हैं किन्तु बिजली के वल्व आदि सीढ़ियों में भी थोड़ी देर के लिए नहीं जलाना / (आगम में तो "रात्रि भर जहाँ अग्नि दीपक जले वहाँ ठहरना नहीं, यह विधान है / ) (परम्परा) 40. परिस्थितिवश भी कभी शल्य चिकित्सा कराना ही नहीं किन्तु वैसी परिस्थिति में पुनः गृहस्थ बन जाना / (दिगम्बर) (गु.ना.) 41. उपवास में ही दीक्षा देना, अर्थात् दीक्षा के दिन उपवास होना ही ।(व्यक्तिगत) [104