________________
CASTOIDESOSISTAIRTE विधाकुशासन PASCISCTRICIROISOISS
वषवदन महाराक्ष स्त्रि मुरखो यक्षेवर श्च तुंबुरू कुसुमो वरनादि मातंग यक्ष विजयाव जितो ब्रह्मादिधर कुमाराख्यो॥ ८॥
षद्वदनः पातालः किन्नर गरुडोतथैक गांधारस्य:
रवेन्द्रा कुबेर वरूणो भूकुटि गोरुंद पार्थ मातंगारख्याः ॥९॥ वृषवदन (गोमुख) महायक्षाय त्रिमुखाय यक्षेश्वराय तुंबर पुष्प (कुसुम) मातंग- वरनादि विजय (श्याम) अजित-ब्रह्म-ईश्वर कुमार-षडवदन (षन्मुख) पाताल -किन्नर गरूड़-गंधर्व-चन्द्र कुबेरवरूण-भृकुडी-गोमेद-पार्थ (धरण) मातंग नाम वाले
तीर्थेषु महायक्षाः क्रमाचतुर्विशति जिनानां कथिताः
यक्षा:कुबेर शाख प्रमुवाचान्येतु बहुविद्या ज्ञेयाः ॥१०॥ चौबीस ती फार क्रमश: Ves hd हैं | कुबेर और शास्त्र प्रमुख वृहस्पति अन्य भी बहुत प्रकार के देव होते हैं।
चकेवरी रोहिणी च प्रज्ञप्ती वंजस्यला तथा पुरूषदत्ता स्वमनो वेगा च कालिका ज्यालामालिन्या भिधाना महाकाली च मानवी गौरी तथैव गांधारी वैरोटी जन संस्तुताअन्यानंतमतीनाम्रामानसीचजयातथाविजयापराजितादेवी बहुरूपिएथपि स्तुता चामुंडान्या च कुष्मांडी पाना सिद्धायिनी त्य: मूस्युचतुर्विशतिर्यस्या सेयंते जिन शासनं। चक्रेपरी१ रोहिणी र प्रज्ञप्ति ३वज श्रृंखला पुरूषवता५मनोवेगा६ कालिका ७ ज्वालामालिनी ८ महाकालि ९ मानवी १० गौरी ११ गांधारी १२ वेरोति १३ अनन्त मति १४ मानसी १५ महामानसी १६ जया १७ विजया १८ अपराजिता १९ बहुलपणी २० चामुंडा २१ कुष्माडिनी २२ पद्मावती २३ सिद्धायिनीर४ यह २४ तीर्थकरों की देयिया है। और जैन शासन की सेवा करती है।
श्री देवी वसुधारा सरस्वती काम चांडाली दुग्गॅस्याचाश्चान्याशदेवता स्सन्यनेक विद्याः। प्रोत्तानांयक्षाण राक्षीनां चाद्भुत प्रभातनां
परिवार देवता अपि संति सततं विविध महा शक्ति युत्ताः ॥१६॥ लक्ष्मी वसुधरा सरस्वती सिद्धायमा दुर्गा इत्यादि अन्य देवता तथा देवियां है उपरोक्त अद्भुत प्रभाव याले यक्ष और यक्षियों के परिवार की अन्य देवियाँ भी विविध प्रकार की महान शक्ति वाली होती
CAOISTOISSISTORSCISIOTH ६५ P5125501501501505001