Book Title: Panchsangraha Part 08
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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२५
२६
( २१ ) गाथा २०
२३-२४ स्त्यानद्धित्रिक और कषायों का उदीरणा स्वामित्व गाथा २१
२४-२५ ___ युगलद्विक एवं वेदनीयद्विक का उदीरणा स्वामित्व गाथा २२
२५-२६ हास्यषट्क का उदीरणा स्वामित्व गाथा २३
२६-२७ घातिकर्म प्रकृतियों का उदीरणा स्वामित्व गाथा २४
२७-२८ अयोगी गुणस्थान सम्बन्धी प्रकृतिस्थानों को छोड़कर नाम और गोत्र कर्म के शेष प्रकृतिस्थानों और वेदनीय, आयु कर्म का उदीरणा स्वामित्व
स्थिति उदीरणा के अधिकारों के नाम गाथा २५
२६-३० स्थिति-उदीरणा का लक्षण और भेद गाथा २६
३१-३३ स्थिति उदीरणापेक्षा मूल प्रकृतियों की साद्यादि
प्ररूपणा गाथा २७
३३-३५ उत्तर प्रकृतियों की साद्यादि प्ररूपणा गाथा २८
३५-३६ स्वामित्व और अद्धाच्छेद सम्बन्धी सामान्य नियम गाथा २६
३६-३६ सम्यक्त्वमोहनीय, मिश्रमोहनीय और उदयबंधोत्कृष्टा प्रकृतियों का उत्कृष्ट स्थितिउदीरणा स्वामित्व
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