Book Title: Panchsangraha Part 08
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur

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Page 228
________________ हमारे महत्वपूर्ण प्रकाशन १-६ कर्मग्रन्थ (भाग १ से ६) संपूर्ण सेट ७५) ७-१६ पंचसंग्रह (भाग १ से १० तक) संपूर्ण सेट रियायती मूल्य १००) १७ जैन धर्म में तप : स्वरूप और विश्लेष १०) (तप के सर्वांगीण स्वरूप पर शास्त्रीय विवेचन) १८-३६ प्रवचन साहित्य १. प्रवचन प्रभा ५) २. धवल ज्ञान धारा ५) ३. जीवन ज्योति ५) ४. प्रवचन सुधा ५) ५. साधना के पथ पर ५) ६. मिश्री की डलियां १२) ७. मित्रता की मणियां १५) ८. मिश्री विचार वाटिका २०) ६. पर्युषण पर्व सन्देश १५) २७-३६ सुधर्म प्रवचन माला (१० पुस्तकें) मूल्य– ६) ३७–४४ उपदेश साहित्य सप्त व्यसन पर लघु पुस्तिकाएँ-- १. सात्विक और व्यसनमुक्त जीवन १) २. विपत्तियों की जड़ : जूआ १) ३. मांसाहार : अनर्थों का कारण १) ४. मानव का शत्रु : मद्यपान १) ५. वेश्यागमन : मानव जीवन का कोढ़ १) ६. शिकार : पापों का स्रोत १) ७. चोरी : अनैतिकता की जननी १) । ८. परस्त्री-सेवन : सर्वनाश का मार्ग १) ४५ जीवन-सुधार (संयुक्त आठों पुस्तके) ८) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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