Book Title: Panchsangraha Part 08
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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( २४ ) गाथा ४४, ४५
अघाति प्रकृतियों का स्थानाश्रित विशेष गाथा ४६
६९-७० शुभाशुभत्व विषयक विशेष गाथा ४७
७१-७२ मोहनीय, ज्ञानावरण, केवलदर्शनावरण और
वीर्यान्तराय सम्बन्धी विपाकाश्रित विशेष गाथा ४८
७२-७३ चक्षुदर्शनावरण, आदि अन्तरायचतुष्क, अवधिद्विकावरण सम्बन्धी विपाकाश्रित विशेष
७२ गाथा ४६
७४पूर्वोक्त से शेष प्रकृतियों का विपाकाश्रित विशेष
प्रत्यय प्ररूपणा के भेद गाथा ५०
सुस्वर, मृदु, लघुस्पर्श, पराघात, उद्योत, प्रशस्तविहायोगति, समचतुरस्र संस्थान,
प्रत्येकनाम के अनुभागोदीरणा प्रत्यय गाथा ५१
ওওওও सुभगत्रिक, उच्च गोत्र, नवनोकषाय के अनुभागोदी रणा प्रत्यय
७७ गाथा ५२
७८-७९ भव और परिणाम निमित्तक प्रकृतियों के अनुभागोदीरणा प्रत्यय
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