Book Title: Panchsangraha Part 08
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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पंचसंग्रह : ८
गाथा
गाथांक पृष्ठांक
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कक्खडगुरुमिच्छाणं कक्खडगुरुसंघयणा खवगम्मि विग्धकेवल खीणताणं खीणे मिच्छत्तकमेण गइहुण्डुवघायाणिट्ठखगति गुरुलहुगाणंतपएसिएसु घाईणं छउमत्था उदीरगा घायं ठाणं च पडुच्च चउरुवस मित्त मोहं छेवट्ठस्स बिइन्दी जं करणेणोकहिय जा जमि भवे नियमा जोगंतुदीरणाणं जोगते जोगन्ते सेसाण सुभाण सदुवंगस्सवि तेच्चिय तप्पाओगकिलिट्ठा तसथावराइतिगतिग तिगपलियाउ समत्तो तित्थयरं घाईणि तिरिमणुजोगाणं मीस तिरियगईए देसो तिविहा धुवोदयाणं मिच्छस्स तेत्तीसं नामधुवोदयाण थावरचउ आयव दाणाइअचक्खूणं दुभगाइनीयतिरिदुग देवनिरयाउगाणं देसोवघाइयाणं उदए
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