Book Title: Panchsangraha Part 08
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur

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Page 204
________________ उदीरणाकरण-प्ररूपणा अधिकार : परिशिष्ट १२ प्रकृति नाम घाति | घाति । स्थान | स्थान | | उ.अनु.उ. प्र.अनु.उ. उ.अनु.उ. ज.अनु उ. वियाकी गोत्रद्विक सर्वघाति सर्वघाति चतुः स्थान द्वि. स्था. | जीवविपाकी | प्रतिभाग प्रतिभाग द्वि. स्था. नरक-देव आयु , , ,, , | भवविपाकी दि. स्था. तिर्यंच-मनुष्य आयु " नरक, देव गति चतुः स्थान , जीवविपाकी | द्वि. स्था. तिर्यंच मनुष्य गति एकेन्द्रिय भादि जाति चतुष्क पंचेन्द्रिय जाति , वतुः स्थान , औदारिक सप्तक द्वि. स्था. , पुद्गल विपाकी वैक्रिय सप्तक | " चतुः स्थान , आहारक सप्तक , तैजस सप्तक । सर्वघाति| अगुरुलघु,निर्माण, प्रतिभाग मृदुलघु बिना शुभ वर्ण नवक, स्थिर, शुभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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